मुंबई में रेलयात्रियों से जबरन वसूली पर रेलमंत्रालय हुआ सख्त, 13 को कर दिया सस्पेंड

नई दिल्ली । मुंबई रेलवे पुलिस पर यात्रियों से जबरन वसूली करने के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले पाँच महीनों में इस मामले में कुल 13 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। ताज़ा घटनाओं ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यात्री सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएँ उत्पन्न की हैं। रेलमंत्रालय ने सख़्त रुख़ अख़्तियार कर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने का निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों को दिया है। मामला चूँकि जीआरपी सुरक्षाकर्मियों से जुड़ा है संबंधित जीआरपी पुलिस राज्य सरकार के अधीन होती है फिर भी रेलमंत्रालय ने ऐसे जवानों के ख़िलाफ़ कड़े कदम उठाने की हिदायत संबंधित अधिकारियों को दी है।
10 अगस्त को राजस्थान से आए एक ज्वेलर और उसकी नाबालिग बेटी से बॉम्बे सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर जीआरपी के तीन पुलिसकर्मियों ने बैगेज चेकिंग के बहाने करीब 30 हजार रुपये वसूले। यात्रियों के पास से सोने की पट्टी और 31 हज़ार 900 रुपये नकद पाए गए थे, लेकिन केवल 1 हज़ार 900 रुपये लौटाए गए। इस मामले में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर अनिल राठौड़ और हेड कॉन्स्टेबल ललित जगताप व राहुल भोसले पर नामजद एफआईआर दर्ज हुई है। घटना को लेकर पहले राजस्थान के रतगढ़ थाने में शिकायत हुई थी, जिसे बाद में मुंबई जीआरपी को ट्रांसफर किया गया। तीनों आरोपी पुलिसकर्मी फिलहाल निलंबित हैं और फरार बताए जा रहे हैं। इसी तरह 13 जून को वसई रोड रेलवे स्टेशन पर एक दंपति से 15 हज़ार रुपये वसूले जाने का मामला सामने आया। इसकी जांच के बाद पुलिस नाइक मिलिंद मरूति सातव और कॉन्स्टेबल सचिन अशोक वाहले व किरण बबन आवले को भी 1 अगस्त को निलंबित कर दिया गया।
बॉम्बे सेंट्रल कांड में शामिल तीनों पुलिसकर्मियों ने अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि घटना सीसीटीवी कैमरे की निगरानी से बाहर एक कमरे में हुई, जो खराब नीयत का सबूत है और तय एसओपी, मानक संचालन प्रक्रिया के विरुद्ध है। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जीआरपी की क्राइम ब्रांच ने अब नई मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने की पहल की है। इसमें बैगेज चेकिंग की वीडियोग्राफी, टीम का नियमित रोटेशन और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, आरपीएफ की सक्रिय भागीदारी शामिल होगी। अधिकारियों का कहना है कि इन कदमों से यात्रियों का भरोसा बहाल करने में मदद मिलेगी। पिछले पाँच महीनों में मुंबई के अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर कम से कम चार वसूली की घटनाएँ दर्ज हुई हैं। इनमें कुल 13 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। विभागीय जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन घटनाओं ने मुंबई जैसे महानगर में रेलवे यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों की चिंता बढ़ा दी है। रोज़ाना करोड़ों लोग लोकल और लंबी दूरी की ट्रेनों से सफर करते हैं और पुलिस पर उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है। अब सवाल उठ रहा है कि जब सुरक्षा बल ही यात्रियों से वसूली में शामिल हों, तो भरोसा कैसे कायम रहेगा।