नयी दिल्ली 04 दिसम्बर (वार्ता) सरकार ने दावा किया है कि पिछले पांच साल के दौरान दलहन और तिलहनों की खरीद में तेरह गुना की वृद्धि हुयी है और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 44142.50 करोड़ रुपये की इन वस्तुओं की खरीद की गयी है ।
वर्ष 2014..15 से 2018..19 के दौरान 93.97 लाख टन दलहन और तिलहनों की खरीद की गयी जिसके लिए किसानों को 44142.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। मध्य प्रदेश , गुजरात , राजस्थान , उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र , तेलंगना और आन्ध्र प्रदेश में 35800 करोड़ रुपये की 78.84 लाख टन दलहन और तिलहनों की खरीद की गयी। इससे 54 लाख से अधिक किसानों को फायदा हुआ। इससे औसतन एक किसान को 80000 रुपये प्राप्त हुये हैं।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार वर्ष 2009 से 2014 के दौरान दलहनों और तिलहनों की खरीद में अब तक 13 गुना की वृद्धि हुयी है । वर्ष 2009 से 2014 के दौरान 3117.38 करोड़ रुपये मूल्य की 7.28 लाख टन दलहन और तिलहनों की खरीद की गयी थी।
मोदी सरकार ने हाल में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत किसानों के लिए लाभकारी मूल्य योजना शुरु की है । इसमें दलहन और तिलहनों के लिए मूल्य समर्थन , भावान्तर योजना और निजी स्तर पर खरीद योजना को भी मंजूरी दी गयी है । इसके लिए 15053 करोड़ की बजटीय सहायता का प्रावधान किया गया है ।
सरकार ने दलहन के आयात में कमी की और इसके लिए बफर स्टाक बनाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही किसानों को बेहतर गुणवत्ता के बीज वर्ष 2009-10 के दौरान दलहन का उत्पादन 1.47 करोड़ टन हुआ था । जबकि 2017-18 में इसकी पैदावार बढकर दो करोंड़ 52 लाख टन हो गयी थी ।
इस तरह दलहन के उत्पादन में 72.10 प्रतिशत की वृद्धि हुयी। इसी अवधि के दौरान तिलहनों की पैदावार 2करोड़ 48 लाख 80 हजार टन से बढकर 3कराेड़ 13 लाख टन हो गयी। इस प्रकार से इसके उत्पादन में 25.80 प्रतिशत की वृद्धि हुयी । सरकार का मानना है कि समन्वित रणनीति के कारण दलहनों की पैदावार में भारी वृद्धि हुयी। इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत विशेष ध्यान दिया गया और बुआई क्षेत्र में वृद्धि के साथ साथ फसल बीमा योजना और वर्षा जल के संचय का बेहतर प्रयास किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्रों पर दलहन की प्रर्दशनी खेती की गयी जिससे किसानों को आसानी से नयी तकनीक की जानकारी मिल सकी।