नयी दिल्ली 20 अक्टूबर (वार्ता) उद्योग जगत ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अधिक रिण देने के लिये बैंकों को प्रोत्साहित करने के संबंध में रिजर्व बैंक की घोषणा का स्वागत करते हुये शनिवार को कहा कि इससे इन कंपनियों को तरलता के संकट से उबरने में मदद मिलेगी।
आरबीआई की शुक्रवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक अब बैंक आधारभूत ढाचों को रिण नहीं देने वाली एनबीएफसी को 15 फीसदी तक कर्ज दे सकते हैं। पहले यह सीमा 10 फीसदी थी। ऐसा अनुमान है कि आरबीआई की इस घोषणा के बाद एनबीएफसी को करीब 50 हजार करोड़ रुपये का रिण उपलब्ध हो पायेगा।
आरबीआई ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब बाजार में एनबीएफसी की वित्तीय स्थिति को लेकर ऊहापोह की हालत बनी हुई है। एनबीएफसी के नगदी संकट का असर अब छोटे एवं मंझोले उद्योगों पर भी दिखने लगा है।
उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि आरबीआई की इस घोषणा से यह भी संदेश जाता है कि हाल में एनबीएफसी को लेकर जो हलचमल मची है, वह प्रणालीगत समस्या नहीं है बल्कि यह एक बड़ी एनबीएफसी के रिण न चुकाने के बाद बनी नकारात्मक धारणा का प्रभाव भर है।
अर्चना
वार्ता