चौहान ने कहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हुआ राफेल पर राहुल गांधी के झूठ का खुलासा
भोपाल (ईएमएस)। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मंडली ने रॉफेल डील को लेकर सूरज पर कीचड़ उछालने की कोशिश की है। उनकी इस हरकत से सूरज का तेज तो कम नहीं हुआ, बल्कि सारी कीचड़ उछालने वाले के उपर ही गिरी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के इस झूठ का खुलासा हो गया है। अच्छा होगा यदि राहुल गांधी इस झूठ के खुलासे के बाद कुछ नसीहत लें और अपनी बचकानी हरकतों से देश को बदनाम करने से बाज आएं। उन्हें अपनी इस हरकत के लिए पूरे देश से माफी मांगना चाहिए। यह बात कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शुक्रवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कही।
– न्यायालय के फैसले से हुई सत्य की जीत
मीडिया से चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि मैं आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे की सच्चाई को देश के सामने उजागर कर दिया है। न्यायालय का यह फैसला सत्य की जीत है, जो भारत की सेनाओं का मनोबल बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। चौहान ने कहा कि राफेल सौदे को लेकर जिन लोगों ने बिना चिंदी के सांप बनाया उन्हें देश की जनता माफ नहीं करेगी। सारी दुनिया में देश की बदनामी कराने वाले और देश की जनता को गुमराह कर सरकार के प्रति अविश्वास पैदा करने वाले राहुल गांधी देश की जनता से माफी मांगे।
– राहुल बताएं, किसकी सूचनाओं पर किया देश को बदनाम
चौहान ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष द्वारा कोरे झूठ के आधार पर पहली बार देश को गुमराह करने का इतना बड़ा षडयंत्र रचा गया। उन्होंने कहा कि आज मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जो झूठ बोला, उसके लिए उनके पास आधार क्या था ? यदि राहुल गांधी चाहते हैं कि उन पर देश का थोड़ा बहुत भरोसा बना रहे, तो उन्हें उस सूत्र का नाम उजागर करना चाहिए जो उन्हें देश को बदनाम करने वाली झूठी सूचनाएं दे रहा था।
– कांग्रेस सरकार के हर सौदे में शामिल रहे हैं दलाल
चौहान ने कहा कि देश की सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए 2001 में भारतीय वायुसेना ने राफेल जैसे विमान की आवश्यकता जताई थी। इस आवश्यकता के आधार पर ही 2007 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने सौदे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था। लेकिन 2007 से 2014 तक राफेल डील क्यों फाइनल नहीं हुई, इसका जवाब भी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और श्रीमती सोनिया गांधी को देना चाहिए। कहीं यह डील इसलिए तो नहीं टाली गई क्योंकि दलालों की भूमिका और कमीशन की राशि का निर्धारण नहीं हो सका था।
– कांग्रेस ने क्यों रखी दलालों के लिए गुंजाइश
चौहान ने कहा कि सारी दुनिया जानती है कि कांग्रेस ने जितने भी रक्षा सौदे किए हैं, उनमें दलालों की भूमिका प्रमुख रही है। कांग्रेस की सरकारों में कभी क्वात्रोची होते थे तो कभी मिशेल को दलाली का मौका मिल जाता था। जबकि नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने, ‘‘सरकार और सरकार के बीच’’ सौदे की नीति अपनाकर बिचौलियों को समाप्त कर दिया। हम यह जानना चाहते हैं कि पूर्व की सरकार ने सरकार और सरकार के बीच सौदे क्यों नहीं किए ?
– कांग्रेस ने किया देश की सुरक्षा से खिलवाड़
चौहान ने कहा कि देश आज यह भी जानना चाहता है कि राफेल जैसे आधुनिक विमान को भारत लाने में जो देरी हुई उसके कारण क्या थे ? 2007 से 2014 तक कांग्रेस की सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ निरंतर खिलवाड़ किया। रक्षा सौदों को लटकाकर देश की सेनाओं को संसाधन की दृष्टि से कमजोर करने का पाप किया। जब प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने इस डील को फाइनल किया, तो झूठे आरोप लगाकर कांग्रेस और उसके नेताओं ने देश की सेनाओं का मनोबल तोड़ने का काम किया है।
– अदालत का फैसला झूठ की राजनीति करने वालों पर तमाचा
चौहान ने कहा कि आज देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले से यह सिद्ध हो गया है कि चोर चोर की आवाज वही लगाते हैं, जो चौकीदार से भयभीत रहते हैं। राहुल गांधी और उनके साथियों ने प्रधानमंत्री जी के लिए जिस प्रकार के निकृष्ट शब्दों का इस्तेमाल किया है, वह भी क्षमा करने योग्य कृत्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला झूठ की घृणित राजनीति करने वालों के मुंह पर करारा तमाचा है। आज सिद्ध हो गया है कि झूठ के पांव नहीं होते और विजय हमेशा सत्य की होती है।
– ना विमान में खोट, ना खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी
चौहान ने बताया कि राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में निर्णय प्रक्रिया को लेकर, विमान की कीमत को लेकर और ऑफसेट पार्टनर के चुनाव को लेकर याचिकाएं दायर की गई थीं। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इन तीनों मुद्दों पर बहुत स्पष्टतापूर्वक फैसला देते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया है। माननीय न्यायालय ने रिकार्ड की विस्तृत जांच कर खरीदी की निर्णय प्रक्रिया को चुनौती देने वाली सभी मांगें ठुकरा दी है। न्यायालय ने विमान की गुणवत्ता और आवश्यकता को भी सही ठहराते हुए कहा है कि उसे इसमें कोई संदेह नजर नहीं आता। अदालत ने यह भी कहा है कि जब पड़ोसी देशों की वायुसेना पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों से सज्जित हों, तब भारत के लिए राफेल की खरीदी प्रक्रिया में देरी देश हित में नहीं होगी। माननीय न्यायालय ने यह भी माना है कि इस डील में देश को आर्थिक फायदा ही हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत सरकार की आफसेट पार्टनर चुनने में कोई भूमिका नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि चूंकि केन्द्र सरकार द्वारा किसी को भी आर्थिक फायदा पहुंचाने का कोई तथ्य जांच में न्यायालय के सामने नहीं आया है, इसलिए सारे आरोप निरस्त किए जाते हैं। कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी भी की है कि निर्मित धारणाओं और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर फैसले नहीं होते।
– जनता से माफी मांगने का साहस दिखाए कांग्रेस
चौहान ने कहा कि चूंकि कांग्रेस की सरकारों के समय मुख्य काम घपले घोटालों का गोरखधंधा ही होता था, इसलिए आज भी उसे बदले हुए निजाम का मिजाज समझ नहीं आ रहा है। यह भी हो सकता है कि संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाने की अपनी आदत से मजबूर कांग्रेस के नेता सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले पर भी अनर्गल प्रलाप करें। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के पास मुंह छुपाने के लिए कोई स्थान नहीं है। अच्छा होगा कि कांग्रेस के नेता सामने आकर देश की जनता से माफी मांगने का साहस दिखाएं।
हरि प्रसाद पाल / 14 दिसम्बर, 2018