(मुंबई) सीमेंट कंपनियों के लिए सुस्त रह सकती है दिसंबर की तिमाही

मुंबई (ईएमएस)। सीमेंट कंपनियों के निवेशकों के लिए दिसंबर की तिमाही निराशाजनक रह सकती है। इस तिमाही में सीमेंट का दाम अब तक जस का जस रहा है। उसमें मामूली बढ़ोतरी हुई है। दिसंबर क्वॉर्टर को आमतौर पर इंडस्ट्री के लिए मौसमी तीव्र मांग की शुरुआत माना जाता है। सीमेंट कंपनियां पिछले दो सप्ताहों में मूल्य वृद्धि करने में नाकामयाब रही हैं।
देशभर में सीमेंट का बिकी मूल्य महज 2 फीसदी बढ़ा है। दिसंबर क्वॉर्टर में कई ऐसी वजहें रही हैं, जिनकी वजह से सीमेंट कंपनियों ने दाम नहीं बढ़ाए। दरअसल, पिछले तीन से चार साल में सीमेंट की मांग ट्रेड सेगमेंट से नॉन ट्रेड की तरफ बेढंगे तरीके से शिफ्ट हुआ है। ट्रेड सेगमेंट का मार्जिन आमतौर पर ज्यादा रहता है और उसमें सीमेंट कंपनियों को ज्यादा भाव मिलता है।
नॉन ट्रेड सेगमेंट में कंपनियां, सरकार और दूसरी एंटिटीज होती हैं, जो मैन्युफैक्चरर्स से सीधे खरीदारी करती हैं। जहां तक ट्रेड सेगमेंट की बात है, तो इसमें सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स और डीलर्स को सेल करते हैं, जो आगे रिटेल कस्टमर्स को बेचते हैं। नॉन ट्रेड सेगमेंट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से डिमांड को बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन वह उतना नहीं कि मार्केट प्लेयर्स उसके हिसाब से दाम बढ़ा दें, क्योंकि टोटल डिमांड में इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट का हिस्सा सिर्फ 15-20 फीसदी है। सीमेंट कंपनियों को ट्रेड सेगमेंट की डिमांड हाउसिंग सेक्टर से हासिल होती है, जिसका कंजम्पशन में योगदान 60-65 फीसदी के बीच होता है। हाउसिंग सेक्टर में कंस्ट्रक्शन की रफ्तार घटी है, इसलिए ट्रेड सेगमेंट की डिमांड अस्थिर और कमोबेश जस की तस रही है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 17 दिसंबर 2018