नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार दो करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा कर दे तो आरक्षण की जरूरत नहीं है। यब बात गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सोमवार को कही। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि अगर युवाओं के लिए दो करोड़ नौकरी के अवसर पैदा किये जाएं और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले तो वह आरक्षण की अपनी मांग को छोड़ देंगे। देश में युवाओं के समक्ष बेरोजगारी की समस्या और किसानों की खुदकुशी का हवाला देते हुये उन्होंने सरकार से इन दोनों वर्गों की परेशानियों का समाधान करने का अनुरोध किया। एजेंडा आज तक में उन्होंने कहा कि अगर युवाओं के लिए दो करोड़ नौकरी और किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य का भुगतान किया जाता है तो हमें आरक्षण की जरूरत नहीं है।
बेरोजगारी ‘बढ़ने’ और किसानों की खुदकुशी को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करते हुये गुजरात में पाटीदार समुदाय के युवा नेता ने किसानों के लिए कर्ज की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अंबानी जैसे उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर सकती है तो वह किसानों को कर्ज क्यों नहीं दे सकती है? पटेल के साथ मंच पर बैठे गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने एक ‘दलित नेता’ कहने पर आपत्ति जताई। जातिविहीन समाज के लिए वकालत करते हुये मेवानी ने कहा, मैंने आशा कार्यकर्ताओं, पुलिस कांस्टेबलों, अन्य कार्यकर्ताओं, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए गुजरात में लड़ाई लड़ी। आप मुझे एक युवा नेता कह कर क्यों नहीं बुलाते हैं? दलित नेता का टैग मुझे मीडिया ने दिया है। उन्होंने बताया कि सभी सरकार की प्राथमिकता किसानों की खुदकुशी को रोकना और युवाओं को रोजगार मुहैया कराना होना चाहिए। बेरोजगारी के कारण विभिन्न जातियों द्वारा आरक्षण की मांग की जाती है।
विपिन/ईएमएस/ 18 दिसंबर 2018