क्रिसमस व नए साल में ले संतुलित आहार, रखें अपनी सेहत का ख्याल

नई दिल्ली । क्रिसमस और नए साल के उत्सवी माहौल में परिवार और दोस्तों के साथ जश्न व पार्टियां आम बात है। इस दौरान स्वादिष्ट भोजन का बुरा असर आपकी सेहत पर भी पड़ सकता है, क्योंकि इन व्यंजनों में फैट, चीनी और कार्बोर्हाइड्रेट भरपूर मात्रा में होते हैं। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए डॉक्टरों ने कुछ सुझाव दिए हैं।
अपोलो हॉस्पिटल्स की चीफ क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. प्रियंका रोहतगी का कहना है कि पार्टियों में ज्यादा ग्लासेमिक इन्डैक्स से युक्त इस तरह के आहार का सेवन करने से ब्लड शुगर अचानक बढ़ती है, जिससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है और आपको नींद आने लगती है। डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए यह स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है।
उन्होंने कहा कि क्रिसमस के दौरान खाए जाने वाले व्यंजन न केवल वजन बढ़ाते हैं, बल्कि जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज और उच्च रक्तचाप तक का कारण बन सकते हैं। क्रिसमस की पार्टी के लिए व्यंजन बनाते समय इन चीजों का ध्यान रखने से आप किसी तरह का समझौता किए बिना अपने दिल को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
जहां तक हो सके तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें, अगर आप तले हुए व्यंजन खाना ही चाहते हैं तो मूफा से युक्त तेल में पकाएं। मूफा यानि मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड, ये दिल के लिए फायदेमंद हैं। मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, कनोला का तेल इसके अच्छे उदाहरण हैं जो उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं और आपको दिल की बीमारियों से बचाते हैं। ये बुरे कॉलेस्ट्रॉल यानि एलटीएल को कम कर आर्टरीज में होने वाले ब्लॉक की संभावना को भी कम करते हैं।
इस दौरान आप वसा से युक्त व्यंजनों के साथ हरी सब्जियों का भरपूर सेवन कर अपना संतुलन बनाए रखते हैं। सब्जियों के साथ सलाद भी खाएं। सब्जियों में फाइबर ज्यादा मात्रा में होता है इसलिए आप अपना पेट भरा हुआ महसूस करते हैं और ओवरइंटिंग नहीं करते। इसी तरह अगर आप रोजाना काजू, बादाम और अखरोट आदि खाएं तो आपको सेहतमंद फैट्स और अच्छा पोषण मिलेगा। त्योहारों के दौरान चीनी और नमक का सेवन कम कर दें। आहार में नमक का सेवन कम करने से हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों की संभावना कम होती हैं। इसी तरह चीनी का सेवन सीमित मात्रा में करने से भी आप अपने आप को दिल की बीमारियों से बचा सकते हैं। चीनी के बजाए गुड़ या मोलेसेज का इस्तेमाल करें। मीट में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। लेकिन चिकन और फिश की तुलना में रेड मीट जैसे बीफ, पोर्क और लैम्ब में सैचुरेटेड फैट्स अधिक मात्रा में होते हैं। जिससे दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ती है। वहीं दूसरी ओर ओमेगा 3-फैटी एसिड से युक्त खाद्य पदार्थ हार्ट फेलियर की संभावना को कम करते हैं।
विपिन/ईएमएस/ 24 दिसंबर 2018