“भाईदूज : भाई का अद्भुत रोल”

सीता और गीता सगी बहनें थी। परिवार में लड़के की चाहत बहुत होती है। जब सीता…

साठ रुपये

” देख रहे हो उन बड़े बाबू को, सुधाकर भाई! देखने से कोई बड़े अफ़सर लगते…

गोद

  “गुड मॉर्निंग आंटी अंकल !, आज की चाय हुई कि नहीं? आज चाय बनाने की किसकी…

दिवाली के दिये

दिवाली आने में अब दस दिन ही बाक़ी थे …रतन लाल उसकी पत्नी गीता और इकलौता…

गडबी की धुंधली दिवाली

  साल  में कई त्योहार आते हैं और हम भी खुशी खुशी मनातें हैं।लेकिन दिवाली तो सब…

रोशन हो गयी दीवाली

रीना की शादी जिस घर मे हुई वहां उसे किसी चीज़ की भी कमी नही थी…

जिंदगी की जंग

चतुर्थी का चाँद आसमान पर था।हल्का उजास ज़मीन पर छितरा हुआ था। रात आधी बीत चुकी…

चालाक

कहते हैं कि ढ़ूंढने से ख़ुदा भी मिल जाता है मगर एक बन्दे को बग़ैर ढून्ढे…

पुस्तक समीक्षा

  युगीन संदर्भों को ध्वनित करती हैं ग़ज़लें        ग़ज़ल नियमानुसार बादशाहों के दरबारों से होकर कोठों से…

एक वार्तालाप

गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों बहनें सदियों से धरा पर अपना सौंदर्य बिखेर रही हैं। इंसानों,…