जीवन में भावना और विवेक का संतुलन आवश्यक

० राजयोग भवन में समर कैंप
बिलासपुर । किसी भी लक्ष्स की प्राप्ति के लिए विचारों का एकाग्र होना बहुत जरूरी है। जीवन में एकाग्रता का बड़ा महत्व हैं। व्यक्ति अपनी प्रगति और सफलता का अनुमान उपलब्ध एकाग्रता को देखकर लगा सकता है। सकारात्मक विचारो को मन में स्थान मिलने के कारण जीवन प्रवाह उसी दिषा में प्रवाहित होने लगता है। उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यलाय की स्थानीय षाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में १९ मई तक प्रात: ०७:३० से ०९:३० बजे तक आयोजित छ: दिवसीय चल रहे समर कैंप- हैप्पी एंजील कैंप के चौथे दिन बी.के. संतोषी दीदी ने कही। अगर एक कम्प्यूटर में आपने जो सॉफटवेयर डाउनलोड किया होगा कम्प्यूटर उसी अनुसार काम करेगा। वर्तमान में डैक्सटॉप कम्प्यूटर, लैबटॉप कम्प्यूटर है। उसी प्रकार हम सभी के पास हैडटॉप कम्प्यूटर है जिसमें हम जैसा सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते है वैसा वह कार्य करना षुरू कर देता है। हैडटॉप कम्प्यूटर का सॉफ्टवेयर अर्थात हमारी जो स्मृतियां होती है वैसा हमारा मन और कर्मेन्द्रियां कार्य करना प्रारंभ कर देती है। हमें रोज अपने अंदर सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर बार-बार ऑपरेट करना होगा कि, मुझे जीवन में बहुत सफल होना है, मै परफैक्ट हँॅॅू। जीवन में अपना लक्ष्य निष्चित हो तो कोई भी बाधा रोक नहीं सकती। कई बार हम अपने ही कमजोर संकल्पों के कारण अपनी क्षमताओं को ब्रेक कर देते है। वह क्षमतायें कई बार परिस्थिति के समय निकल कर सामने आती है। डॉ ए.पी.जे. अब्दूल कलाम का उदाहरण देते हुए दीदी ने बताया कि उनके सामने अनेक समस्याएं आई परंतु उन्होने अपने अंदर दृढ़ संकल्प कर लिया था कि मुझे कुछ विषेष करके ही रहना है तो वह मिसाईल मेल हमारे भारत राष्ट्रपति बनने के साथ-साथ उनके राष्ट्र के लिए किये गये योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। हमारे ब्रेन के दो हिस्से होते है। जिन्हे लेफ्ट ब्रेन और राइट ब्रेन कहा जाता है। जो राइट हेंड का उपयोग करते है उनका लेफ्ट ब्रेन एक्टिव होता है और वह भावनात्मक होता है तथा जो लेफ्ट हेन्ड का उपयोग करते है उनका राइट ब्रेन एक्टिव होता है जो लॉजिकल होता है। मनुष्य को लोगो की भावनाओं को समझने के लिए इमोषनल एवं निर्णय करने के लिए लॉजिकल होना आवष्यक है। इसके लिए हमें दोनो हाथों का उपयोग करना चाहिए। एक्टिविटी के द्वारा बच्चों को अपने लेफ्ट और राइट ब्रेन का उपयोग करना सिखाया गया। दीदी ने बताया कि इस दुनिया में हर किसी का महत्व है। भगवान ने हरेक के अंदर कोई न कोई विषेषता अवष्य भरी है आवष्यकता है उसे समझने की। जब हम संगठन में मिलकर कोई कार्य करते है तो वह क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। जिस प्रकार षुन्य अकेला है तो उसका कोई महत्व नहीं परंतु एक से मिलकर उसका मूल्य दस गुना बढ़ जाता है। वह अपने आप को और जितने अधिक के साथ जोड़ता जाता है उसका महत्व उतना अधिक होता जाता है। हमारे अंदर सभी के प्रति सहयोग की भावना होनी चाहिए।
सहयोग के बिना जीवन असंभव
सेवाकेन्द्र संचालिका बी.के. स्वाति ने बताया कि बिना सहयोग के जीवन असंभव है। जिस प्रकार हाथ में प्राकृतिक रूप से सहयोग की भावना होती है। षरीर के किसी भी अंग में तकलीफ होती है हाथ सहज ही उसकी मदद करने के लिए पहुंच जाता है। अन्य चीजों में पहले मैं कहना अहंकार है परंतु अच्छा कार्य करने के लिए या सहयोग करने के लिए पहले मुझे अपना हाथ बढ़ाना है। जिस प्रकार रेल के डिब्बे आपस में जुडक़र हमें मंजिल तक पहुंचाते है उसी प्रकार हम आपस में मिलकर कार्य करें और एक-दूसरे का सहयोग करें तो मंजिल तक आसानी से पहुंच जायेंगे। जिसे गेम और विडियो क्लीप के द्वारा दिखाया गया। जिसमें बच्चों ने बहुत मजा किया।जिस प्रकार गुलाब के फूल में खुषबू होती है इस कारण वह सभी को वह प्रिय लगता है उसे अंग्रजी में रोज कहते है। हम जो चीज अच्छी चीजें सीखते है उसका रोज-रोज अभ्यास करने से वह गुण हमारा नेचर बन जाता है जिससे हम सभी को प्रिय लगते है। इसलिए जो सिखते है उसका रोज अभ्यास आवष्यक है। सुभी बहन ने बच्चों को एरोबिक्स व डांस कराया।