बाघ मित्र देंगे अब बाघों से जुडी सूचनाएं

दो बाघों की संदिग्ध मौत के बाद वन विभाग का निर्णय
भोपाल राजधानी के समीप स्थित रातापानी वन्यजीव अभयारण्य के वनग्रामों में निवास करने वाले बाघ मित्र अब बाघों से जुडी सूचनाएं वन विभाग को उपलब्ध कराएंगे। ये बाघ मित्र वन विभाग को स्वेच्छा से बाघों से जुड़ी सूचनाएं देंगे। वन विभाग इन्हें परिचय पत्र के साथ प्रशिक्षण देगा।वन विभाग ने यह निर्णय हाल ही में हुई दो बाघों की संदिग्ध मौत के बाद लिया है। वन विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। इसके लिए रातापानी के वन ग्रामों में रहने वाले वन्यप्राणी प्रेमियों से संपर्क किया जा रहा है। भोपाल सामान्य वन मंडल के जंगल में पहले से 85 बाघ मित्र हैं। ये बाघ समेत अन्य वन्यप्राणियों से जुड़ी जानकारी वन विभाग के अफसरों से साझा करते हैं। इसी तर्ज पर रातापानी वन्यजीव अभयारण्य में भी बाघ मित्रों की मदद ली जाएगी।
ये बाघ मित्र बारिश के पहले अपनी निःशुल्क सेवाएं देना शुरू कर देंगे। मालूम हो कि वन विभाग ने उन ग्रामीणों को बाघ मित्र का नाम दिया है, जिनका सीधा वास्ता जंगल से रहता है। वे बाघ समेत सभी प्रकार के वन्यप्राणियों को करीब से जानते हैं। साथ ही जंगल व वन्यप्राणियों के संरक्षण में दिलचस्पी रखते हैं। इस बारे में भोपाल वन वृत्त सीसीएफ डॉ. एसपी तिवारी का कहना है कि भोपाल की तर्ज पर जल्द ही रातापानी के जंगल में बाघ मित्रों की मदद ली जाएगी। बाघ मित्र के लिए इच्छुक ग्रामीण व वन्यप्राणी प्रेमियों से संपर्क किया जा रहा है।
सुदामा नर-वरे/19मई2019