नैतिकता का आधार ढूंढते-ढूंढते मैं बहुत ही परेशान हो चुका हूं, पर अभी तक यह आधार किसी भी सूरत में मुझे दिखाई नहीं पड़ रहा है। फिलहाल कुछ सयाने लोग मिले हैं, वे कह रहे हैं, अगर इसका पैमाना या आधार पता करना हो, तो केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टैनी से पता करो, जिसके आधार पर पूरी दुनिया में धुंआधार प्रतिष्ठा पाने में वे कामयाब हो रहे हैं। तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बाद भी अपना पद और अपनी प्रतिष्ठा नैतिकता के आधार पर बनाए रखना कोई उनसे सीखे? बहुत तो रेल दुर्घटना जैसी छोटी-मोटी घटना पर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा फौरन दे मारते थे,पर यह हमारे टैनी महराज का जिगरा है, जो इतनी बड़ी ‘थार’ दुर्घटना के बाद भी अपनी नैतिकता भली-भांति बनाए रखें हैं, बचाए रखें है। किसी शायर ने कहा है, “हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी जिसको भी देखना हो कई बार देखना” और हमारे टैनी जी में दस-बीस नहीं दस-बीस हजार प्रतिभाशाली आदमी छिपे हैं, उनमें गजब की प्रतिभा है, फिर वे छोटे-मोटे आरोपों पर काहे इस्तीफा देते फिरे,इसीलिए टैनी जी से मोदी जी ने इस्तीफा नहीं लिए, यह विपक्ष और किसान फालतू में उनसे इस्तीफा मांग रहा है।
जिस आधार का, विपक्ष में रहते हुए भाजपाइयों ने पुरजोर विरोध किया था, उसे ही, अपनी सरकार बनते ही,काला धन वापस लाने का ‘आधार’ बनाया। उसी आधार के आधार पर देश की भुखमरी-बेकारी को शत-प्रतिशत कम करके पूरी दुनिया को दिखाया । कांग्रेसियों ने इतना सस्ता डीजल-पेट्रोल कभी नहीं दिया, जितना बीजेपी वालों ने दे दिया,यह आधार को नैतिकता का आधार बनाकर ही मोदी जी ने असंभव काम, संभव करके दिखा दिया।
वैसे तुलसी बाबा ने कभी कहा था कलयुग केवल नाम अधारा सुमरि-सुमरि नर उतरहि पारा.. तुलसी बाबा के बताए राम नाम के आधार पर ही चलते हुए तमाम लोग अपनी सरकारें बनाने में कामयाब हो रहे है। यह बाबा के बताए सही आधार का ही कमाल है। राम आस्था का केंद्र बाद में वोट पाने के पहले केंद्र बनते जा रहे हैं, ऐसा बड़े-बुजुर्ग लोग कह रहे हैं। फिलहाल नैतिकता का पुख्ता आधार ढूंढ रहा हूं, किसी को मिल जाए तो मेरे मैसेंजर पर भेजने की जहमत करे।
-सुरेश सौरभ
निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी
मो-7376236066