कहा- स्कूली बच्चों से अपील इस बार धूम-धड़ाम वाली दीपावली नहीं जगमगाती हुई दीपावली मनाएं : गोपाल राय
नई दिल्ली । दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने युद्ध प्रदूषण के विरूद्ध अभियान के तहत आज स्कूली छात्रों एवं शिक्षकों के साथ ऑनलाईन संवाद किया। इस अवसर पर गोपाल राय ने कहा कि सभी स्कूली बच्चे आज वादा करें कि इस बार धूम धड़ाम-प्रदूषण वाली दिवाली नहीं, जगमगाती हुई दिए वाली दिवाली मनाएंगे। देश में जब पहली बार दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हुई उस समय पटाखे नहीं थे। उस समय दिए जलाकर दिवाली की शुरुआत हुई थी। अब हमें अपनी पुरानी परंपरा की तरफ वापस लौटना है। बच्चे अपने दोस्तों को जागरूक करें कि “द से दिया और दिया से दिवाली होती है, प से पटाखा और पटाखा से प्रदूषण” होता है। प्रदूषण भगाना है और दीपावली मनाना है। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने प्रदूषण को कम करने तथा “पटाखें नहीं, दीये जलाए”, अभियान को सफल बनाने के लिए पर्यावरण मंत्री के साथ शपथ लिया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एंटी क्रैकर अभियान के तहत स्कूली बच्चों और इको क्लब से जुड़े हुए छात्रों-शिक्षकों से आज ऑनलाईन बातचीत की। दिल्ली सचिवालय स्थित वार रूम के जरिए दिल्ली वासियों को पटाखे नहीं दिए जलाने के लिए जागरूक किया। इसमें अलग-अलग स्कूल, इको क्लब के छात्र और शिक्षक जुड़े। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग, जवान, बच्चों सहित सभी को जिंदगी चलाने के लिए जैसे खाना खाना पड़ता है औरपानी पीना पड़ता है, वैसे ही सांस लेने के लिए ऑक्सीजन चाहिए। हम जो सांस लेते हैं वह पूरे वायुमंडल में फैली हुई है। लोग जिंदगी को बेहतर बनाने और सुविधा के लिए जो काम करते हैं उससे हवा खराब हो जाती है। घर, स्कूल, सड़क, ऑडिटोरियम बनाने के लिए खुदाई होती है तो उससे धूल उड़ती है। जब धूल उड़ती है तो उसके छोटे-छोटे कण हवा में मिल जाते हैं। जब हम सांस लेते हैं तो वह हमारे अंदर चली जाती है। गाड़ियां को सड़क पर चलाने के लिए पेट्रोल-डीजल जलाना पड़ता है। उनसे धुआं निकलता है और वह सब हवा में मिलता है। जब सांस लेते हैं तो वह अंदर जाता है।
उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में जगह-जगह आग लगती है। कूड़े जलाए जाते हैं, पार्कों में लोग पत्तियां जला देते हैं। इससे निकलने वाला धुआं वातावरण को खराब करता है। दिल्ली के अंदर जो प्रदूषण है वह सिर्फ दिल्ली वालों का नहीं है। दिल्ली के बाहर से भी आता है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में धान की खेती हुई है। उसका जो डंठल बच जाता है। उसको लोग जला देते हैं। जिससे जो धुंआ पैदा होता है वह दिल्ली में आ कर परेशान करता है। उसी तरह से दिल्ली के आसपास घटनाएं होती है उससे भी यहां पर प्रदूषण बढ़ता है।
गोपाल राय ने कहा कि सरकार इन्हें कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन दिवाली आ रही है। इसमें दिए कम जलते हैं और पटाखे ज्यादा जलते हैं। पटाखे जलने से अच्छा तो लगता है लेकिन इन पटाखों की जलने से जो धुआं पैदा होता है वह सब वापस सांसों के माध्यम से हमारे अंदर आता है। यह हमारे फेफड़ों और शरीर को नुकसान पहुंचाता है। उससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। खासतौर पर जो बच्चे और बुजुर्ग हैं उनके लिए काफी नुकसानदायक होता है। वैज्ञानिकों डॉक्टरों की रिसर्च के मुताबिक पटाखों के धुंए से हमारी जिंदगी पर गहरा असर होता है। इसलिए सभी दिल्लीवासियों से वादा चाहता हूं इस बार पटाखे नहीं दिए जलाएंगे। इस बार धूम-धड़ाम, प्रदूषण वाली दिवाली नहीं जगमगाती हुई दिए वाली दिवाली मनाएंगे और एक दूसरे की जिंदगी को बचाएंगे। इस मिशन में सबसे अहम रोल बच्चों को निभाना है। अभिभावक कहते … कि मुझे अच्छा नहीं लगता पटाखे जलाना लेकिन बच्चे जिद करते हैं। बच्चे कहते हैं कि पटाखे लाओ, बिना पटाखे के कैसी दिवाली। कई लोग कहते हैं कि त्यौहार है। त्यौहार पर तो होना चाहिए। पर्यावरण मंत्री ने स्कूली बच्चों से अपील की है कि दिवाली पर पटाखे नहीं सिर्फ दीये जलाकर दिवाली मनाएं।सरकार भी दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए पटाखे पर बैन लगाया हुआ है। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री ने प्रदूषण से संबंधित बच्चों के प्रश्नों का भी जवाब दिया और बच्चों को प्रदूषण से संबंधित जानकारी दी और उससे पैदा होने वाले गंभीर खतरों से अवगत कराया।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरी दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर दिवाली मनाने का फैसला किया है। हम सभी लोग एक साथ मिलकर दिवाली धूमधाम से मनाएंगे। लेकिन पटाखे नहीं जलाएंगे। इस संकल्प के साथ काम करना है।