बहुत कुछ बाकी है..

बहुत जी लिया इस ज़िन्दगी को

 पर थोड़ी  अभी भी बाकी है

क्या खोया क्या पाया ज़िन्दगी से

अभी हिसाब करना बाकी है

जो किया दूसरों की खुशी के लिए 

ही किया

खुद को खुश करना अभी बाकी है।

हमेशां जो सोचा सबके लिए सोचा

खुद के लिए सोचना अभी बाकी है

बहुत खुशियाँ बटोर ली

बच्चों के साथ रहकर

अब तो बस अकेलापन बाकी है।

बहुत उतार चढ़ाव दिखा दिए 

इस ज़िन्दगी ने..

पर लगता है अभी और इम्तेहान बाकी हैं..!!

रीटा मक्कड़