नई दिल्ली । तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखनऊ के इको गार्डन में ‘किसान महापंचायत’ हो रही है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के किसान पहुंचे हैं। महापंचायत में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘तीन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के अलावा और भी कई मुद्दे हैं, जिनका समाधान किये जाने की जरूरत है। राकेश टिकैत ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की घोषणा के बाद सरकार किसानों से बात नहीं करना चाहती है। सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसने कानूनों को निरस्त कर दिया है और वह हमसे बात करना नहीं चाहती है, हम अपने घरों को लौटना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार के साथ 12 दौर की बातचीत हो चुकी है। अब तक हमारे 750 किसान आंदोलन में शहीद हो गये हैं। कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद टिकैत ने मोर्चा की छह सूत्रीय मांगों को दोहराया। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के साथ लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ की बर्खास्तगी की मांग महापंचायत में भी उठी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। इस घोषणा से काफी पहले किसान महापंचायत आयोजित करने का ऐलान हो चुका था। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी किसानों ने अपनी महापंचायत आयोजित की और अपनी छह सूत्रीय मांगों पर जोर दिया। गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक ‘खुला पत्र’ लिखा था और कहा था कि जब तक सरकार उनकी छह मांगों पर बातचीत बहाल नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। नरमी का कोई संकेत न दिखाते हुए किसान संगठनों ने घोषणा की थी कि वे एमएसपी की गारंटी देने संबंधी कानून के लिए दबाव बनाने के लिए लखनऊ में महापंचायत के साथ ही अपने निर्धारित विरोध प्रदर्शनों पर अडिग हैं। उधर, सरकारी सूत्रों ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दिए जाने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा विचार किए जाने की संभावना है ताकि उन्हें संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके। संयुक्त मोर्चा ने जिन छह मागों को रखा है उनमें उत्पादन की व्यापक लागत के आधार पर एमएसपी को सभी कृषि उपज के लिए किसानों का कानूनी अधिकार बनाने, लखीमपुर खीरी घटना के संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनकी गिरफ्तारी के अलावा किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के लिए स्मारक का निर्माण शामिल है।