— रामविलास जांगिड़ (मो 94136 01939)
हर दिशा से भ्रष्टाचार भगाने का जलवा जारी है। ग्राउंड जीरो से फसली रिपोर्ट की मारामारी है। सच्ची रिपोर्ट कहे यही तो असली महामारी है। अगर आप प्लाईवुड खरीदते हैं, तो उसमें हर प्रकार के भ्रष्टाचार को मारने की पूरी-पूरी गारंटी है। भ्रष्टाचार का तो पक्का खात्मा तय! यह गारंटी निन्यानबे दशमलव नो फीसदी भ्रष्टाचारियों को एकदम खलास कर देती है। आप अगर किसी दीवार पर कोई रंग लगा रहे हैं, तो भी यह गारंटी पक्की! अगर किसी कंपनी की सड़ी सी चप्पल पहन कर बाहर निकल रहे हैं, तो डरिए मत क्योंकि इस चप्पल में भी भ्रष्टाचारियों को मारने की पूरी गारंटी है। इधर गारंटी, उधर गारंटी। बाएं गारंटी, दाएं गारंटी। गारंटी! गारंटीड! गारंटीशुदा! कोरोना मारने की हर तरफ गारंटियां बरस रही है। लोग ग्राउंड जीरो से गारंटियां उछाल रहे हैैं। संसद से उड़कर सड़क पर बरस रही है गारंटियां! चुनावी मौसम में गारंटी फुल स्पीड में दौड़ रही है।
साबुन, सोडा और टीवी से लेकर वो, शौहर और बीवी तक। गारंटी पसरी पड़ी है! इतनी-इतनी गारंटियां है कि अब इन गारंटियों को देखकर भ्रष्टाचारियों के छक्के छूट गए हैं। इधर एक चकाचक सीन दिखाई दे रहा है। कोई एक नेता हैंड पंप पर खड़े होकर अपनी चप्पलें धो रहा है। मुख्य चमचा हैंडपंप हिला रहा है। दलाल अंधों को आइना दिखा रहा है। अफसर गंजों को कंघा देने की योजना बता रहा है। मुर्दा अर्थी पर पसरे जिंदा लोगों को कंधा देने का गीत गा रहा है। नेता के चरणों में पड़ा हर एक वोटर गिड़गिड़ा रहा है।नेता चप्पल को हवा में उछाल कर कह रहा है- ‘यही है हमारी फसली चप्पल! जिसको खाते ही आप भ्रष्टाचार फ्री हो जाएंगे। असली नेता ब्रांड फसली चप्पल खाइए और निन्यानबे दशमलव नो फीसदी भ्रष्टाचार भगाइए।’
लोग नेता की चप्पल खाने के लिए आपस में एक दूसरे को चप्पल खिला रहे हैं। ग्राउंड जीरो पर हवा में तरह-तरह की चप्पलें मचल रही है। इस जाति की चप्पल उस जाति की चप्पल! इस धर्म की चप्पल उस धर्म की चप्पल! इस क्षेत्र की चप्पल उस क्षेत्र की चप्पल! भ्रष्टाचार को शर्तिया भगाने की नेतावादी चप्पलें लहरा रही है। सीन बिल्कुल घचाघच हुआ जा रहा है। हैंडपंप पर भीड़ बढ़ रही है। लोग चप्पल खाने के लिए ऐसे मचल रहे हैं जैसे कोई वैक्सीन हवा में लहरा रही हो। असली पार्टी की फसली चप्पलें लहरा रही है। हर जगह भ्रष्टाचार का इतने अच्छे तरीके से इलाज किया जा रहा है कि ईमानदारी बेचारी दिखने में अब नखरे दिखा रही है। ईमानदारी अब सोच रही है- मैं जाकर करूंगी क्या? टीवी, अखबार और होर्डिंग पर विज्ञापन फड़फड़ा रहे हैं। पक्का है; अब ईमानदारी को भी भ्रष्टाचार से बचने के लिए विज्ञापन में बताई गई चप्पलों को यूज करना पड़ेगा। प्लाईवुड पेंट, बजरी सेंट! खरीदो नेता या सियासी एजेंट! भ्रष्टाचार का इलाज पक्का है। निन्यानबे दशमलव नो फीसदी का जलवा हर दिशा में कायम है। तो चलूं! पीछे वाली गली में पत्थर सन्नाए जा रहे हैं। पत्थरों के पीछे-पीछे आवाजें सुनाई दे रही है- ‘जो सिर हमारे पत्थर से फूटा, उसने भ्रष्टाचार को कूटा! हमारे पत्थर से माथा फोड़िए, भ्रष्टाचार फ्री होकर तुरंत दौड़िए! इस पत्थर में निन्यानबे दशमलव नो फीसदी भ्रष्टाचार को भगाने की शर्तिया गारंटी!’
— रामविलास जांगिड़, 18, उत्तम नगर, घूघरा, अजमेर (305023) राजस्थान