भोपाल। अंतर्राष्ट्रीय विश्वरंग साहित्य एवं कला महोत्सव 26 देशों मे एकसाथ हो रहा है। जिनमें स्पेन, यूक्रेन, त्रिनिनाद, यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया नीदरलैंड, अमेरिका और न्यूज़ीलैंड प्रमुख रूप से हैं। इन देशों विभीन्न सत्रों का आयोजन किया गया। जिन्हें सुंदर नृत्य प्रस्तुति, तबला वादन और साक्षात्कारों ने रोचक बनाया। विश्व रंग महोत्सव मध्य भारत से निकलकर विश्वव्यापी हो चुका है।
पहला सत्र नीदरलैंड से नीदरलैंड में बाल साहित्य का आयोजन हुआ नीदरलैंड में विश्व रंग कार्यक्रम की अध्यक्षता गांधी केंद्र के निदेशक मोहन सिंह ने की। सत्र का संचालन शिवांगी शुक्ला के द्वारा किया गया । पहले सत्र में बताया गया की बाल साहित्य का उद्देश्य मात्र मनोरंजन नहीं है बल्कि छात्रों का चरित्र निर्माण करना भी है , साहित्य से हम बच्चों के कच्ची मिट्टी से मन को शक्ति प्रदान कर सकते हैं। जिससे उनमें समर्पण और संस्कार की भावना का जन्म हो सके । पहले सत्र में आस्था दीक्षित ने मां पर आधारित एक कविता का पाठ किया और आलोक पांडे ने ऊंट के ऊपर एक डच कहानी सुनाई। हर्षिका वाजपेई , रवि श्रीवास्तव ने अपनी-अपनी कविताएं सुनाएं । मानसी ने अपनी स्वरचित कहानी सुनाई तथा सेवंतिका ने बच्चों की पलटन के साथ मिलकर पंचतंत्र की कहानियां सुनाई।
दूसरा सत्र भारतीय सांस्कृतिक यात्रा के पड़ाव के ऊपर रहा। जिसमें नीदरलैंड के नामी और प्रतिभाशाली कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गई। जानी मानी नृत्यांगना सौम्या शुक्ला ने कथक की खूबसूरत प्रस्तुति दी। एंजेल अरुणा ने अपना गाना प्रस्तुत किया। साथ ही विभिन्न नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियां दी गई। हर प्रस्तुति से हमें देश से और उसकी धरोहर से जुड़ाव देखने को मिला।
तीसरा सत्र नीदरलैंड एक परिचय के ऊपर रहा जिसमें नीदरलैंड के सुंदर और बड़े शहरों की विशेषताएं बताई गई । डॉ मानसी , जयता दत्ता , संतोष कुमार जैसे जाने माने लोगों ने अपने शहरों अलमेर और देल्फ़ की विशेषताओं का सुंदर वर्णन किया।
चौथा सत्र ग्लोबल लेगीसी ऑफ संस्कृत के ऊपर था जिसमें संस्कृत भाषा के महत्व और उसकी गुणवत्ता पर चर्चा की गई। जेफरी आर्मस्ट्रांग ने संस्कृत भाषा पर अपना वक्तव्य दिया।
यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका से हुए सत्र इंडियन क्लासिकल आर्ट इन यूएसए में विभिन्न नृत्य प्रस्तुत किये गए। सरगम ग्रुप , ईडब्ल्यूएस डांस ग्रुप, परंपरा ग्रुप एवं सौम्या देवी ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। रास गरबा ने कथक के द्वारा रासलीला दर्शाई। उर्वशी और हिना ने तांडव नृत्य किया, जिसके साथ पूरण ने तबला वादन किया ।
न्यूजीलैंड से विश्वरंग अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में भारतीय सांस्कृतिक विशेषज्ञ डॉ पुष्पा भारद्वाज वुड से साक्षात्कार रोहित कुमार हैप्पी ने किया। डॉ पुष्पा ने बताया कि भाषा का महत्व घर से बच्चों को सिखाया जाता है । माता पिता का भाषा के प्रति लगाव, बच्चों की भाषा के प्रति रुचि निर्धारित करता है। उन्होंने बताया कि न्यूजीलैंड में 250 से 300 छात्र हिंदी भाषा का अध्ययन करते हैं।
दूसरे सत्र में रोहित कुमार हैप्पी ने संगीतज्ञ वसंत मधुर से साक्षात्कार किया । संगीतज्ञ बसंत मधुर सरगम स्कूल ऑफ म्यूजिक चलाते हैं। वे मूलतः हिमाचल प्रदेश से हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय संगीत में गैर भारतीय छात्र भी बेहद रूचि दिखाते है और इसका अध्ययन करते है। इस रूचि का श्रेय उन्होंने पंडित रविशंकर और जाकिर हुसैन को दिया। उन्होंने कहा कि इन दो हस्तियों से यहां के छात्र बेहद प्रभावित हैं।