जिंदगी के दो रंग

 आज मैंने जिंदगी के दो रंग देखे

कही विवाह की उमंग

कही मौत के गम देखे।

बज रही थी शहनाइयां

एक तरफ विवाह की

एक तरफ हृदय विदारक

चीखों के स्वर देखे।

आज मैंने………

लाल जोड़े में सजी हुई

दुल्हन देखी।

वही अर्थी पर एक देह

सफेद कफ़न में देखी।

आज मैंने…..

एक तरफ पांडाल सजा था खुशियों का

एक तरफ गम की कनात लगी थी।

भोज यहाँ भी हो रहा था,

भोज वहाँ भी हो रहा था।

यहाँ मिठाइयां खुशियों की बँट रही थी

वहाँ मिठाइयों संग आँखे रो रही थी।

आज मैंने जिंदगी….

एक ही दिन में सुख दुःख का रैले  देखे

आज मैंने जिंदगी के दो रंग देखे।

गरिमा राकेश गौत्तम

कोटा राजस्थान