शनिश्चरी अमावस्या एवं सूर्यग्रहण आज एक साथ

भोपाल । आज शनिश्चरी अमावस्या एवं सूर्यग्रहण एक साथ है। इस अवसर पर राजधानी के शनि मंदिरों में पूजन के विशेष कार्यक्रम हो रहे हैं। हालांकि सूर्य ग्रहण का असर भारत नहीं दिखेगा, इस वजह से कोई सूतक नहीं लगेगा। राजधानी के ज्योतिर्षाचायों के अनुसार, आज के दिन इसमें देव एवं पितृ कार्य शनिश्चरी अमावस्या का महायोग बन रहा है। इसी दिन वृश्चिक राशि में चंद्र, सूर्य, बुध और केतु ग्रह होने से चार ग्रही योग का निर्माण हो जाएगा। दूसरे दिन रविवार को सूर्योदय से पूर्व सुबह 5:52 बजे मंगल ग्रह का वृश्चिक राशि में प्रवेश हो जाने से पंच ग्रही योग की भी पूर्णता हो रही है। यह पंच ग्रही योग रविवार को ही सुबह 7:41 बजे पर चंद्र ग्रह के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही समाप्त हो जाएगा। शहर में आज शनि मंदिरों में पूजन के विशेष कार्यक्रम हो रहे हैं। शनिदेव को प्रसन्‍न करने के लिए श्रद्धालु मंदिरों में पहुंच रहे हैं और उन्‍हें तिल-तेल अर्पित कर रहे हैं। राजधानी के ज्योतिर्षाचायों के अनुसार, चंद्र, सूर्य व बुध तीनों शुभ ग्रह एक साथ होने से एवं दूसरे दिन मंगल ग्रह का भी वृश्चिक राशि में प्रवेश होने से देश हित के लंबित काम पूरे होंगे। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। मंगल स्व: ग्रही वृश्चिक राशि में होने से सेना एवं पुलिस संबंधी सुरक्षा व्यवस्थाएं दुरुस्त होंगी। अपराधों पर लगाम लगेगी, क्योंकि शनि न्याय के देवता है, अत: वे भी अपराधों पर लगाम लगाते हैं, लेकिन कहीं-कहीं सामान्य व्याधि का प्रकोप रहेगा। जो कि मंगल के देवता हनुमानजी की आराधना से दूर होगा। शनिश्चरी अमावस्या पर भगवान शनि की आराधना व उपासना करना चाहिए। इस दिन तेल व काले तिल अर्पित करना चाहिए। इस दिन देव के साथ पितरों के निमित्त भी दान-धर्म करना चाहिए। इस दिन खासकर पितरों के निमित्त गरीबों व जरूरतमंदों को काले कंबल का दान करना श्रेष्ठ रहेगा। इससे पितृ के साथ शनि की शांति भी होगी। साथ ही इस दिन लोहा, उड़द, तेल, काले कपड़े आदि खरीदने से बचें।पितृ शांति के लिए गाय, कुत्तों व पक्षियों को अनुरूप आहार देना चाहिए। पितरों के निमित गरीबों को उनके लिए आवश्यक सामग्री देना चाहिए।