गीता भवन हास्पिटल के कायाकल्प पर खर्च होंगे 7 करोड़ रूपये –

:: अ.भा. गीता जयंती के 64वें महोत्सव का शुभारंभ 12 को, देश के जाने-माने संत-विद्वान प्रतिदिन करेंगे प्रवचनों की अमृत वर्षा ::
:: वैदिक मंगलाचरण एवं शंख ध्वनि के बीच जगदगुरु स्वामी रामदयाल की अध्यक्षता में आचार्य गोविंददेव गिरि करेंगे शुभारंभ ::
इन्दौर । मालवा अंचल के प्रमुख आस्था केन्द्र गीता भवन पर 64वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव के सात दिवसीय आयोजन का शुभारंभ 12 दिसम्बर को दोपहर 1.30 बजे वैदिक मंगलाचरण एवं शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्ज्वलन के साथ होगा। जगदगुरु शंकराचार्य, पुरी पीटाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरु स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में राम जन्मभूमि न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष आचार्य गोविंददेव गिरि महाराज इस महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। गीता जयंती का मुख्य महापर्व 14 दिसम्बर को सुबह 8 से 10 बजे तक गीताजी के सामूहिक पाठ के साथ मोक्षदा एकादशी को मनाया जाएगा। गीता जयंती के साथ ही सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ भी 12 से 18 दिसम्बर तक आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में होगा। इस अवसर पर गीता भवन हास्पिटल के कायाकल्प के अगले चरण का शुभारंभ भी 12 दिसम्बर को होगा। यह कायाकल्प कल्याणमल बद्रीप्रसाद गर्ग चेरेटिबल ट्रस्ट के टीकमचंद गर्ग एवं राजेश गर्ग केटी के सौजन्य से किया जा रहा है। इस कायाकल्प पर करीब 7 करोड़ रुपए का खर्च होगा।
गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन एवं सत्संग समिति के संयोजक रामविलास राठी ने आज पत्रकारों को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि चार मंजिला गीता भवन हास्पिटल का निर्माण बाबा बालमुकुंद द्वारा 53 वर्ष पूर्व किया गया था। तब यह केवल नेत्र चिकित्सालय था। धीरे-धीरे हास्पिटल में अन्य रोगों के उपचार की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती रही हैं। वर्तमान में गीता भवन एवं बीएम मित्तल हास्पिटल में कुल 140 बिस्तरों की क्षमता है। अस्पताल में 50 चिकित्सक प्रतिदिन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एमवाय अस्पताल के बाद सर्वाधिक ओपीडी मरीजों की संख्या वाला किसी पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित यह पहला हास्पिटल है, जहां अब स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट भी काम करने लगा है। इस प्लांट पर प्रतिदिन 100 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्सर्जन हो रहा है। इस पर लगभग 80 लाख रुपए की लागत आई है। अब कल्याणमल बद्रीप्रसाद गर्ग चेरेटिबल ट्रस्ट के सहयोग से यहां 7 करोड़ रुपए की लागत से पूरे हास्पिटल का कायाकल्प किया जा रहा है। चार मंजिला इस अस्पताल में तीसरी मंजिल का काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि दूसरी मंजिल का काम गीता जयंती महोत्सव के साथ 12 दिसम्बर से प्रारंभ होगा। कायाकल्प के दौरान पूरे हास्पिटल में नए पलंग, नई टेबलें, फर्नीचर, वातानुकूलित उपकरण, टीवी, नया कैंटीन और मरीजों के लिए प्रतीक्षालय का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही अस्पताल परिसर की खुली जमीन पर भूमिगत पार्किंग बनाने की योजना भी है। कायाकल्प के बाद यहां सोनोग्राफी, एक्स-रे, पैथॉलॉजी का आधुनिक मशीनों के अलावा आर्थोपैडिक वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, आकस्मिक चिकित्सा वार्ड सहित अनेक नई सुविधाएं भी आम मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगी। अस्पताल को एनएबीएच (नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फॉर हास्पिटल्स) से मान्यता, आयुष्मान कार्ड एवं मेडिक्लेम पॉलिसी से उपचार की सुविधाएं भी मिलने लगेंगी। तब यह ईएसआई के समकक्ष हास्पिटल हो जाएगा। वैसे भी कोरोना काल में गीता भवन हास्पिटल ने करीब 700 मरीजों का बहुत ही किफायती दाम पर सफल उपचार किया है। अब ओमिक्रॉन की आशंका को देखते हुए हास्पिटल ने अपनी तैयारियां पूरी कर रखी हैं। वर्तमान में यहां 180 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
गीता भवन ट्रस्ट मंडल के टीकमचंद गर्ग, प्रेमचंद गोयल, मनोहर बाहेती एवं दिनेश मित्तल ने बताया कि 64वें गीता जयंती महोत्सव में देश के प्रख्यात संत-विद्वानों के आगमन का क्रम 11 दिसम्बर से शुरू हो जाएगा। जगदगुरु शंकराचार्य, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती 13-14 दिसम्बर को गीता जयंती महोत्सव में शामिल होंगे। जगदगुरु स्वामी रामदयाल महाराज 12 से 18 दिसम्बर तक, आचार्य गोविंददेव गिरि महाराज 12 दिसम्बर को शुभारंभ समारोह में, जगदगुरु वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय महाराज (सूरत) 16 दिसम्बर को, अयोध्या अशर्फी भवन से जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज 13-14 दिसम्बर को, अहमदाबाद से स्वामी विशोकानंद भारती 17-18 दिसम्बर को, भीलवाड़ा से महामंडलेश्वर स्वामी जगदीशपुरी महाराज 13-14 दिसम्बर को, सनातन आर्श विद्या प्रतिष्ठान के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती 14 से 18 दिसम्बर तक, जीवन प्रबंधन गुरु पं. विजयशंकर मेहता 16 दिसम्बर को, गोधरा की साध्वी परमानंदा सरस्वती 12 से 18 दिसम्बर तक, हरिद्वार से स्वामी स्वामी सर्वेश चैतन्य 13 से 18 दिसम्बर तक, उज्जैन से स्वामी असंगानंद महाराज 11 दिसम्बर को, हरिद्वार से स्वामी गोपालानंद 12 से 18 दिसम्बर तक एवं स्वामी विवेकानंद 13 से 18 दिसम्बर तक गीता जयंती महोत्सव में शामिल होंगे। गोवर्धन नाथ मंदिर इन्दौर के गोस्वामी वाग्धीश बाबा 15 दिसम्बर को, गोस्वामी दिव्येश कुमार 14 दिसम्बर को, रामकृष्ण आश्रम इन्दौर के स्वामी निर्विकारानंद महाराज 12 दिसम्बर को, चिन्मय मिशन के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती 13 दिसम्बर को, वैदांत आश्रम इन्दौर के स्वामी आत्मानंद महाराज 17 दिसम्बर को, अखंडधाम इन्दौर के डॉ. स्वामी चेतनस्वरूप एवं संत मंडली 12 दिसम्बर को, उज्जैन के स्वामी वीतरागानंद महाराज 12 से 16 दिसम्बर तक, डाकोर के स्वामी देवकीनंददास महाराज 11 से 18 दिसम्बर तक इस महोत्सव में सान्निध्य प्रदान करेंगे। इस बार मौसम के मिजाज को देखते हुए प्रवचन का समय दोपहर 1.30 से सायं 6.30 बजे तक ही रखा गया है। हर वर्ष दो सत्रों में, सुबह-शाम होने वाले सत्संग सत्र के समय को इस बार एक समय में ही रखा गया है। बाहर से आने वाले संतों के लिए भंडारे की व्यवस्था शनि उपासक मंडल के प्रदीप अग्रवाल के सहयोग से की गई है। न्यासी मंडल के सोमनाथ कोहली, महेशचंद्र शास्त्री एवं हरीश जाजू ने बताया कि भक्तों की सुविधा के लिए सत्संग स्थल पर समुचित बैठक व्यवस्था, साफ-सफाई, रोशनी, सुरक्षा एवं कोरोनो प्रोटोकाल के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई हैं। भक्तों से आग्रह किया गया है कि वे मास्क, सोशल डिस्टेंस एवं सेनिटाइजर सहित सभी नियमों का अनिवार्यतः पालन करते हुए गीता जयंती महोत्सव का पुण्य लाभ उठाएं।