इन्दौर । नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत इन्दौर जिले में जनजागरूकता के लिये विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। जिले के सभी स्कूलों में भी नशामुक्ति के लिये जनजागरूकता लायी जायेगी। इसके लिये जिले के सभी विद्यालयों के एक-एक शिक्षक को चयनित कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जायेगा।
यह जानकारी सामाजिक न्याय विभाग द्वारा नशामुक्त भारत अभियान के तहत् स्थानीय प्रीतमलाल दुआ सभागृह में गत दिवस आयोजित की गई कार्यशाला में दी गई। आयोजित कार्यशाला में मेंटल हॉस्पिटल के डॉ. विजय निरंजन ने नशे की लत एवं उससे होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी। नशामुक्त भारत अभियान के जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स रजत नागदा ने नशे के संबंध में उनके प्रकार एवं उससे किस तरह से दूर रहा जा सकता है, के बारे में बताया। शिक्षा विभाग की श्रीमती राशि परिहार ने शासकीय, अशासकीय स्कूलों में बच्चों की मानसिक स्थिति एवं व्यवहार से उनकी लत के बारे में शीघ्रता से पहचान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में काउन्सलर होना चाहिए या बच्चों में से किसी एक समक्षदार बच्चे को प्रशिक्षित किया जाना चाहिये। बच्चों और शिक्षिकों की जागरूकता से इस दुष्प्रभाव को बढ़ने से रोका जा सकता है। संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग श्रीमती सुचिता बेक तिर्कि ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर सभी शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में एक-एक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
वर्कशाप में जिले में नशामुक्ति की दिशा में कार्य करने वाली अशासकीय संस्था हैप्पी होम, नवचेतना नशामुक्ति केन्द्र, सदभाव नशामुक्ति केन्द्र, अंकुर नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र इत्यादि संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। विभागीय कलापथक दल द्वारा नशामुक्ति गान प्रस्तुत किया गया है।