इतिहास बताऊं म्हारा गाम रो,
कितरो झुठ आ में कितरो सांच हो।
मुॖंझा वालिया थ्हारी ई धरती पर,
नारी शक्ति को राज हो।।
लोग कहवे अठै बावन खेतला,
मैं जाणु बावीस रो ऐठान हो।
बाणियां पूजै सेठिया खेतलो,
गाम चाहवे जैतल खेतलो – प्र भू रा सोनाणो हो।।
मुंझा वालिया——————-पर,
नारी शक्ति————————हो।
दाणी चबूतरों दान मांगे,
चुकणिया रो प्राण मांगे।।
ई धरती पर स्वागत सब रो,
पण प्रथा री पिचाण हो।
मुंझा वालिया——————-पर,
नारी शक्ति————————-हो।।
कदै बांजतो कटारगढ़ – कदै गुंजियों सीमनगर,
हाल बांजै सेवाड़ी खालसिया सरकार।
तख्त बैठ्यो बीज बलसी – छ: मीना में सीधो खलसी,
सतीया रा ~ऐ~ बोल “अमर” गीता ने अभिमान हो।।
मुंझा वालिया——————-पर,
नारी शक्ति————————हो।
गीता (गुंजित) सिंह बोराणा
सेवाड़ी बाली राजस्थान