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आज नहीं तो,
कल आएगा,
अपने पास भी,
वो पल आएगा।
जब,हमको भी,
आनंद मिलेगा,
विश्वास मन का,
जब नहीं हिलेगा।
दूर हो जाएंगे,
जो दुख हैं, सारे,
चहकेंगे हम,
दोनों पंख पसारे,
घर मे कहीं भी,
न फिर तम होगा,
जो भी भय हैं,
फिर कम होगा,
हर अभाव
दूर हो जाएगा।
संतुष्टि मन में,
भरपूर आएगा।
चेहरा फूल जैसा,
मस्त खिलेगा,
और दामन में,
फल ही फल आएगा।
आज नहीं………
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जीवन चन्द्राकर”लाल”
M/S देवरी(ख़),गुंडरदेही(बालोद)