गीतिका

कलियाँ महकी आने से,

जुल्फ तेरी बिखराने से

दिल का दर्द नहीं जाता,

सब से उसे छिपाने से।

एक तुम्ही सबसे अच्छे,

लगते हमें जमाने से।

कुछ तो बोलो हमसे तुम,

यूँ ही किसी बहाने से।

पीड़ा कब मिटती देखी,

भाषण रोज पिलाने से।

मन कितना खुश हो जाता,

इक तेरे आ जाने से।

रब जैसा जानम लगता,

हँस कर गले लगाने से।

अपनापन बढ़ जाता है,

सबपर प्रेम लुटाने से।

मिलता है आनंद सदा,

अपनों के आ जाने से।

वीनू अच्छी बात नहीं, 

दिल का दर्द  बढाने से।

दुख बढ़ जाता जीवन में,

फैशन को अपनाने से।

वीनू शर्मा

जयपुर राजस्थान