चेतन अपनी जॉब छूट जाने की वजह से बहुत दुःखी था। टीना उसकी परेशानी जान रही थी। वह उसे दिलासा दे रही थी कि, ” कोई बात नहीं। सारे दरवाजे एक साथ बन्द नहीं होते। हम कोई दूसरी जॉब देखेंगे। तब तक जो सेविंग्स हैं, उनसे घर चलाएंगे। “
चेतन उदास होते हुए बोला,” मुझे चिंता अपनी नहीं है। हमारे सौरभ का दिल टूट जाएगा। न्यू ईयर और क्रिसमस को लेकर कितना कुछ सोच रखा था उसने। “टीना ने उसे समझाते हुए कहा,” मैं उसे समझा दूंगी। तुम चिंता न करो ।”
क्रिसमस की सुबह ….
” मम्मी-पापा , देखिए कल रात सैंटा आये थे??
उन्होंने मुझे कितना प्यारा टॉय ट्रेन गिफ्ट किया है.।”, खुशी से चहकते हुए सौरभ बोला.
टीना ने प्यार से उसके बालों को सहलाते हुए हाँ में सर हिलाया।
अब उसे दो दिन पहले चेतन के घड़ी खरीदने के पैसों के गुम होने का कारण पता चल गया था। वह सैंटा बने पापा को देखकर मुस्कुरा दी।
अलका ‘सोनी’
बर्नपुर, पश्चिम बंगाल।