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अटल अटल इंसान थे,रखते थे ईमान।
जन-जन के हितकर बने,रखा सभी का ध्यान।।
जीवन में शुचिता लिए,गही सत्य की राह।
उनके चोखे काम लख,निकली मुँह से वाह।।
राजनीति सेवा बनी,रखा समर्पण ख़ूब।
किए सभी कारज सदा,गहरे में नित डूब।।
अटल बिहारी शान थे,रचे उच्च आयाम।
सकल देश करता सदा,उनको सदा सलाम।।
अटल बिहारी पर करे,हर कोई नित नाज़।
करते हैं सबके ह्रदय,जो हरदम ही राज।।
राजनीति-सिरमौर बन,बने लोक के गान।
जा विदेश में तान दी,भारत की तो शान।।
आदर्शों के पथ चले,लेकर नव उत्थान।
अटलबिहारी दे गए,हमको नवल विहान।।
सबने ही जिनका किया,जी भरकर सम्मान।
अटलबिहारी जी रहे,हर जन के अरमान।।
पावनता के थे शिखर,सेवा के प्रतिमान।
अटलबिहारी जी बने,लोकतंत्र की जान।।
अंधकार को हर लिया,फैलाया उजियार।
अटलबिहारी दे गए,सकल देश को सार।।
–प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे
प्राचार्य
शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
मंडला,मप्र-481661
(मो.-9425484382)