रामबन में बादल फटने से मची तबाही, हाइवे पर यातायात सुचारु करने लगेंगे 48 घंटे

-सेना की आठ टुकड़ियां स्टैंडबाय पर, शासन पहुंचा रहा जरुरी मदद
श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार को बादल फटने से मूसलधार बारिश और भूस्खलन जैसी घटनाएं हुईं। इस आपदा में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई मकान, दुकान और सड़कों को काफी नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। बादल फटने और भूस्खलन की वजह से 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर यातायात बाधित हुआ है। यह सड़क कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र ऑल-वेदर रास्ता है। नाशरी से बनिहाल के बीच करीब दर्जनभर जगहों पर पहाड़ियों से गिरे मलबे ने रास्ता बंद कर दिया, जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए।
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के रामबन में बादल फटने के बाद राहत अभियान शुरू किया है। एनएच-44 पर फंसे यात्रियों को खाना, शेल्टर और मेडिकल हेल्प प्रदान करने के लिए क्यूआरटी तैनात हैं। सेना की आठ टुकड़ियां स्टैंडबाय पर हैं और निकासी अभियान जारी है। शुरुआती आकलन के मुताबिक सड़कों से मलबा हटाने और यातायात बहाल करने में 48 घंटे तक का समय लग सकता है।
सीरी बगना गांव में बादल फटने से आकिब अहमद (12), उसका भाई मोहम्मद साकिब (10) और उनके पड़ोसी मुनी राम (65) की मौत हुई है। गांव के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि सुबह 4:30 बजे बादल फटने की जोरदार आवाज़ हुई, उसके बाद तुरंत चीख-पुकार मच गई। उन्होंने कहा कि हमने दोनों भाइयों को मलबे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। लगातार बारिश के बीच धारमकुंड गांव में आई बाढ़ से करीब 40 मकानों को नुकसान पहुंचा है। इनमें से 10 मकान पूरी तरह तबाह हो गए हैं। पुलिसकर्मियों ने 100 से ज्यादा फंसे हुए ग्रामीणों का रेस्क्यू किया है। उन्हें सरकारी मिडिल स्कूल में शरण दी गई है, जहां प्रशासन की ओर से राशन और जरूरी मदद मुहैया पहुंचाई जा रही है।
बता दें रियासी जिले के अर्नास इलाके में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक महिला भी शामिल थी, और एक महिला घायल हुई थी। इस प्रकार दो दिन में बारिश से अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है और सभी सरकारी एजेंसियां, पुलिस, एसडीआरएफ, सेना, एनजीओ और स्थानीय स्वयंसेवक मिलकर राहत कार्यों में जुटी हैं।
उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल को जिले के सभी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। कश्मीर घाटी में भी भारी बारिश को देखते हुए सोमवार को सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री सकीना ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- यह फैसला छात्रों की सुरक्षा और भलाई को ध्यान में रखते हुए एहतियातन लिया गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि रामबन और बनिहाल में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और केंद्र से राहत के लिए सहयोग की मांग की जाएगी।