माँ

तुम केवल करुणा हो

ममतामयी त्याग की प्रतिमा हो

असह्य पीड़ा से आप्लावित

अश्रुधारा से स्त्रावित

ये तन,धीर मन तेरा,

सचमुच सर्जना का अवतार हो

वीणा की स्नेहिल झंनकार हो

माँ तुम केवल करुणा हो………..

कोमल काया सहेजती समीरा हो

दुग्ध प्रवाहिनी सुहृद नीरा हो

संस्कारों का करती संचरण

उत्सर्ग का करती वरण

पर्याय तुम अचल साहस की

धरा पर अवतरित श्रद्धा हो

योगियों का योग ज्ञानियों की प्रज्ञा हो

माँ तुम केवल करुणा हो……….

आशीष का उदगम हो

विप्लवता और सौम्यता का संगम हो

हर श्रम तेरे चरणों में अर्पित

जीवन का पल-पल समर्पित

ज्ञान दो, निष्काम भाव दो

सृष्टि का तुम उपसंहार हो

प्राणाधार तुम शब्दों में ओकार हो

माँ तुम केवल करुणा हो…………

डाक्टर हिमेन्द्र बाली “हिम”

कुमारसैन शिमला हिमाचल प्रदेश