जज्बात नही है

होठो पे मेरे अब वो बात नहीं है

पहले के जैसे  मेरे जज्बात नहीं है।

चाहा था जिसे टूटकर हर पल मैंने 

देखो आज वह मेरे साथ नहीं है ।

  हर घड़ी हर बार सोचा था जिसको  

अब उसके दिल में चाहत नहीं है।

हम बिखर गए मोहब्बत में उनकी  

देखो आज उसके दिल में हमारे लिए प्यार नहीं है।।

    साक्षी जैन कालापीपल शाजापुर