एक सवाल है कि आप कितना बोल्ड है? यह तो बहुत बोल्ड महिला है या यह तो बहुत बोल्ड पुरुष है… ? आप पर लगा यह लेबल आप को अच्छा लगता है? आप के परिवार वालों को अच्छा लगता है? क्या आप एक बोल्ड महिला को पत्नी के रूप में पसंद करेंगें? क्या आप को लगता है कि बोल्ड महिला को पत्नी के रूप में स्वीकार करने के बाद वह सामान्य महिला के रूप में संबंध निभाएगी?
एक महिला के लिए बोल्डनेस क्या हो सकती है? किसी पुरूष मित्र के कंधे पर हाथ रख कर सिगरेट पीना? बिंदास गालियां देना? स्पेगेटी ब्लाउज, आफ शोल्डर टीशर्ट या पैंटी दिखाई दे इस तरह की स्कर्ट्स पहनना? दोस्ती से बिस्तर तक पहुंचने वाले संबंधों को खुलेआम स्वीकार करना? सास-ससुर की बातों को न मानना?
एक पुरुष के लिए बोल्डनेस क्या हो सकती है? छाती ठोक कर अपने मन की बात कहना? अपनी अनपढ़ पत्नी के साथ न पटने की बात स्वीकार करना? अपने एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशनशिप का बखान करना? बगल से गुजरने वाली लड़की को देख कर शरीर में होने वाली सनसनाहट को सब के सामने स्वीकार करना?
बोल्ड होना क्या है? बहादुरी? समूह से अलग होने की टेक्निक? स्वभाव? प्रमाणिकता?
बोल्ड होने का मतलब अपनी गलतियों को स्वीकार करना। बोल्ड होने का मतलब यानी अपनी गलतियों को स्वीकार कर नई शुरुआत करना। बोल्ड होने का मतलब अपनी इच्छाओं को न दबाना। एकदम अंजान सुनसान रास्ते पर अंधेरी रात में अकेली जाना यह बोल्डनेस नहीं है, पर ऐसे अंजान रास्ते पर अकेली जाने में डर लगता है, यह स्वीकार करना बोल्डनेस है। जिस तरह जी रही हो, वह सब स्वीकार कर लेना बोल्डनेस नहीं है। पर जिस तरह जी रही हो, उसमें से थोड़ा भी किसी को पता न चले, इस तरह उसे कहीं आड़े हाथों छुपा रखो, यह बोल्डनेस है। कपड़े के अंदर हर आदमी नंगा होता है। पर कपड़ा पहन कर घूम रहे समूह के बीच एकदम नग्न हो निकल पड़ना भी बोल्डनेस नहीं है।
बोल्डनेस गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं की जा सकती। सोशल मीडिया पर जम कर लिखने, फलानाफलाना का खुलासा करने से आप बोल्ड नहीं हो जातीं। ‘बोल्ड’ होने के लिए जिस तरह शार्पनर में पेंसिल छीली जाती है, उस तरह छिलना पड़ता है। मुट्ठियां जलानी पड़ती हैं। जली मुट्ठियों का पसीना पीना पड़ता है।
आप की बोल्डनेस का आप के कपड़े से कोई लेनादेना नहीं है। आप की बड़ी सी लाल बिंदी या आप के बढ़े बालों से आप की बोल्डनेस को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता। बोल्डनेस किसी भी तरह के प्रतीकों से नहीं आती। गांव की पूरी तरह शरीर ढ़ंकने वाली महिला खुद अपने लिए कोई निर्णय लेती है तो उसे बोल्ड कहा जा सकता है। ‘जाओ, तुम शहर जा कर अपना कैरियर बनाओ, मैं यहां रह कर संघर्ष करूंगी।’ पति के कंधे पर हाथ रख कर यह कहने वाली महिला भी बोल्ड है और गड्ढ़े में गिरे बेटे को निकलने की राह देखने वाली महिला भी बोल्ड है। पूरे दिन आफिस में काम कर के घर आने वाले पति को दूध या दही लेने के लिए चौराहे पर भेजने वाली महिला बोल्ड नहीं है। पर पूरे दिन काम करने वाले पति की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले लेने वाली पत्नी जरूर बोल्ड है।
अगर बोल्ड होने का दिखावा करने के लिए आप कार्पोरेट मीटिंग में शराब पीती हैं, खुद को बुद्धिशाली साबित करने के लिए सामने वाले व्यक्ति को नीचा दिखाती हैं, उसका अपमान करती हैं, अपने पूर्व के संबंधों के बारे में सार्वजनिक रूप से चर्चा करती हैं, जैसा रह लही हैं, वैसा सचसच कह जाती हैं, एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशनशिप को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लेती हैं, पोर्न फिल्मों या सेक्स की बातें करती हैं तो आप बोल्ड नहीं, मूर्ख हैं। रांग साइड में बाइक चलाना या शहर की सड़कों पर 120 की स्पीड में कार चलाना बोल्डनेस नहीं है। अगर आप के अंदर शिष्टता है तो आप बोल्ड हो सकती हैं। जब आप अपना सुरक्षा कवच तोड़ कर उसमें से बाहर कदम रखती हैं तो आप बोल्डनेस की ओर पहला कदम बढ़ाती हैं। सब कुछ जानते हुए भी आप चुप रहना पसंद करती हैं तो आप बोल्डनेस की अंगुली पकड़ रही होती हैं। जब आप किसी के ऊपर आर्थिक रूप से डिपेंड नहीं रहना चाहतीं, तब आस बोल्डनेस को गले लगा रही होती हैं। जिंदगी में, नौकरी में या धंधे में, संबंधों में आने वाले हर संघर्ष के लिए तैयार रहती हैं तो आप बोल्डनेस को अपने अंदर उतारती हैं।
बोल्ड मनुष्य वह है जो खूब शक्तीशाली होने के बावजूद अपनी शक्तियों को काबू में रख सके। बोल्ड मनुष्य वह है, जो अपने संबंधों का प्रचार करने के बजाय संबंधों में की गई अपनी गलती को बेझिझक कबूल कर सके। बोल्ड मनुष्य वह है जो संबंधों-धंधे में खुद की गलती को अपने कंधे पर ले सके। बोल्ड रहने के लिए खुद के साथ कमिटेड रहना पड़ता है। झूठ को समझना पड़ता है और सत्य को खुला रखना पड़ता है। बोल्डनेस हर किसी को रास नहीं आती, बोल्ड होने के लिए जलते अंगारे पर बिना चीखे नंगे पैर चलने का साहस करना पड़ता है।
कृत्रिम बोल्डनेस को ओढ़ कर चलने वाला मनुष्य किसी भी समय नंगा हो सकता है। बोल्डनेस दिखाने के लिए सिगरेट के कश लेना, शराब पीना या शिष्टता भंग करने की कतई जरूरत नहीं है। बोल्डनेस दिखाने की पहली सोढ़ी है स्वीकार। किसी भी परिस्थिति, संयोग को स्वीकार करना। सार्वजनिक रूप से या आईने के सामने खड़े हो कर या खुद के सामने। आप की बोल्डनेस दुनिया नहीं देखेगी तो चलेगा, पर आप को जरूर पता होनी चाहिए।
वीरेंद्र बहादुर सिंह
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