बोलों, उनसे क्या कहोगे ?

चोरी करके जो धन लुटाये

खुद खाये औरों को खिलायें

आस पास धर्मात्मा कहायें

बोलों, उनसे क्या कहोगे ? 

पहने जो सच के मुखौटे 

पर्दे पीछे काम सब खोटे

गुड़ दिखते गोबर के पोटे

बोलों, उनसे क्या कहोगे ? 

ऐसो से बचके तुम रहना  

नहीं मानोगे तो फिर सहना 

जो अमरवेल वृक्षों के गहना

बोलों, उनसे क्या कहोगे ? 

हर कदम मिल जायेंगे वो 

मंचों पर सच समझायेंगे वो

झूठे कुटिल मुस्कुरायेंगे वो

बोलों, उनसे क्या कहोगे ?     

बार-बार प्रश्न मन में आये 

जुबां पे ना कोई उत्तर आये

जिस पर आये वो बतलाये 

बोलों, बोलों क्या कहोगे ?? 

             – व्यग्र पाण्डे 

   कर्मचारी कालोनी , गंगापुर सिटी, 

   जिला- सवाई माधोपुर (राजस्थान)