बड़वाह से विधायक बने रहेंगे सचिन बिरला

मप्र कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह ने दिया था आवेदन
भोपाल । खंडवा संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा करने वाले बड़वाह से कांग्रेस के विधायक सचिन बिरला की सदस्यता पर कोई खतरा नहीं है। विधान सभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह द्वारा बिरला की सदस्यता समाप्त करने के लिए दिए गए आवेदन को त्रुटिपूर्ण पाते हुए निरस्त कर दिया है। विधान सभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
खंडवा संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव के समय बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कांग्रेस विधायक दल के सदस्य डा. गोविंद सिंह ने विधान सभा सचिवालय में नौ नवंबर को बिरला की सदस्यता समाप्त करने का आवेदन दिया था, लेकिन उस पर कार्यवाही स्थगित रखने का अनुरोध भी किया था। बाद में उन्होंने शपथ पत्र के साथ आवेदन दिया। विधान सभा के प्रमुख सचिव ने आदेश में बताया कि विधान सभा अध्यक्ष ने आवेदन पर विचार किया, जिसमें यह मध्य प्रदेश विधान सभा सदस्य (दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता) नियम 1986 के अनुसार नहीं पाया गया। आवेदनकर्ता ने जो दस्तावेज दिए, उनका सत्यापन नहीं किया। जबकि, नियम छह में यह स्पष्ट प्राविधान है कि प्रत्येक दस्तावेज का सत्यापन अनिवार्य है। इसी तरह शपथ पत्र भी त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि यह नहीं बताया गया कि यह उन्होंने नौ नवंबर को दिए आवेदन के समर्थन में प्रस्तुत किया या फिर 25 नवंबर के आवेदन के समर्थन में दिया है।
शपथ पत्र और आवेदन में विरोधभास भी पाया गया। सदस्यता समाप्त करने के संबंध में जो दस्तावेज और वीडियो प्रस्तुत किए गए, उनका विधिवत विवरण ही नहीं दिया गया। आवेदनकर्ता को पर्याप्त अवसर देने के बाद भी उनके द्वारा नियम अनुसार अर्जी प्रस्तुत नहीं की गई है। सभी पहलुओं का परीक्षण करने के बाद आवेदन को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह ने कहा कि तकनीकी आधार बनाकर एकतरफा आवेदन निरस्त किया गया है। बिरला ने मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने की घोषणा की थी। उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट में स्वयं को भाजपा का सदस्य बताया है, जिसके दस्तावेज हमने दिए थे। विधान सभा ने हमसे कोई पूछताछ नहीं की। अब हम फिर से आवेदन देंगे और जरूरत पड़ी तो न्यायालय भी जाएंगे। पूर्व विधान सभा अध्यक्ष बृजमोहन मिश्र के निर्णय का अध्ययन कर निष्पक्षता से निर्णय किया जाए।