*स्वागत नव वर्ष*

स्वागत हम करते हैं, तेरा नववर्ष।

सबके ही जीवन में ,भरना तुम हर्ष। 

लोहड़ी से होली तक, महलों से खोली तक।

अपनों, परायों से ,साथी, हमजोली तक ।

खुशियों ही खुशियों का, बस हो उत्कर्ष।

स्वागत हम करते हैं, तेरा नव वर्ष ।

पतझड़ के मौसम से, सर्दी की ठिठुरन तक।

झुलसाती गर्मी से, बूँदों की रिमझिम तक।

 खुशियों ही खुशियों का, बस हो उत्कर्ष ।

 स्वागत हम करते हैं, तेरा नव वर्ष ।

उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक।

बर्फीली चोटी से, सागर के मोती तक।

खुशियों ही खुशियों का, बस हो उत्कर्ष।

 स्वागत हम करते हैं, तेरा नव वर्ष। 

शिप्रा सैनी (मौर्या)

 जमशेदपुर