:: विदिशा के जम्बार तालाब में श्रमदान किया ::
विदिशा/इन्दौर । जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि जल गंगा संवर्धन अभियान देश में जन-आंदोलन के रूप में ख्याति प्राप्त कर रहा है। समाज की भागीदारी से सरकार की जल संरक्षण और संवर्धन के कार्यों के फलस्वरुप मध्यप्रदेश जल शक्ति के रूप में उभर कर देश के नक्शे में स्थापित होगा।
मंत्री सिलावट ने शनिवार को विदिशा ज़िलें में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम जम्बार के तालाब में आयोजित श्रमदान कार्यक्रम में सहभागिता की। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष गीता कैलाश रघुवंशी, विधायक मुकेश टंडन, हरि सिंह सप्रे, हरि सिंह रघुवंशी, जनपद अध्यक्ष वीर सिंह के साथ अन्य जन-प्रतिनिधियों ने भी श्रमदान में सहभागिता की।
मंत्री सिलावट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू कर जल संवर्धन के ऐसे कार्य को मूर्तरूप दिया जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ी को हम प्रचुर मात्रा में जल संचय भण्डार विरासत में दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इन्दौर में प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में लीड कर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल की है, ठीक वैसी ख्याति विदिशा जिला जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यों में अर्जित करे। इस अभियान को अपना समझकर हम अपने स्तर पर सहयोग व योगदान कर मिसाल कायम करें।
मंत्री सिलावट ने कहा कि जल का कोई विकल्प नहीं है, जल है तो कल है, भविष्य है और प्रगति संभव है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में सिंचित रकबा बढ़ाने के लिए सिंचाई कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में पूरे कराए जा रहे हैं। उन्होंने विगत वर्षों की तुलना में सिंचित रकबे में हुई आशातीत वृद्धि को रेखांकित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नदियों को जोड़ने का संकल्प प्रदेश में केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर पूरा कर रहे हैं। उन्होंने केन-बेतवा लिंक परियोजना से होने वाले प्रमुख फायदों के बारे में बताते हुए कहा कि इससे बिजली उत्पादन के साथ 12 माह पेयजल की उपलब्धता रहेगी।
मंत्री सिलावट ने कहा कि पहले गांवों के तालाब व अन्य जल संचय लबालब भरे रहते थे। इस स्थिति को पुन: लाने में हम कोई कोर कसर ना छोड़े। उन्होंने कहा कि हरेक जल स्रोत की संरचना अतिक्रमण से विमुक्त हो यदि कहीं कोई इस प्रकार की खबर मिलती है तो अभियान के रूप में क्रियान्वित कराने की समझाइश अधिकारियों की दी है।
मंत्री सिलावट ने कहा कि जल का सदुपयोग हो इसके लिए विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने बताया कि खुली नहरों की जगह माइक्रो परियोजना से पाईप लाईन का विस्तारीकरण किया जा रहा है। उन्होंने प्राचीन तालाब, कुएं, बावड़ियों के अलावा अन्य जल स्रोतों के जीणोद्धार पर बल देते हुए कहा कि इन विरासतों को बनाए रखना जरूरी है।
मंत्री सिलावट ने जम्बार लघु तालाब में श्रमदान कर जल संचय कार्यो के लिए सभी को अभिप्रेरित किया। जम्बार तालाब सम्राट अशोक सागर परियोजना संभाग क्रमांक-2 विदिशा के अंतर्गत निर्मित जम्बार तालाब का निर्माण वर्ष 1965-66 में हुआ था। तालाब का कैचमेन्ट एरिया 3.74 वर्ग किमी. तथा जीवित जल भराव क्षमता 1.26 मिलियिन घन मीटर है। तालाब से विदिशा तहसील के 3 ग्रामों कमशः जम्बार, बागरी एवं पिपरिया घाट की कुल 235 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र सिंचाई होती है। वर्तमान में तालाब से उक्त तीनों ग्रामों की कुल 318 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई हो रही है।
कार्यक्रम में जनप्रतिनियों के साथ साथ गणमान्य नागरिक, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, जिला पंचायत सीईओ ओपी सनोडिया, जल संसाधन विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत ग्रामीण विकास के अधिकारी और ग्रामीण जन मौजूद रहे।
:: मंत्री ने बेतवा नदी की आरती की और स्वच्छ बनाए रखने का आह्वान किया ::
मंत्री सिलावट ने विदिशा जिले में बेतवा नदी के बड़वाले घाट पर आरती की और साफ-सफाई कर स्वच्छता का संदेश संप्रेषित किया है। सफाई अभियान में विदिशा विधायक मुकेश टंडन, कुरवाई विधायक हरि सिंह सप्रे, बासौदा विधायक हरि सिंह रघुवंशी को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा समेत अन्य जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों ने भी स्वच्छता संबंधी कार्यो में सहभागिता निभाई।