आंखों में नशा होता है लोग कहते हैं
होठों से पैमाने भी छलकते हैं।
हुस्न और इश्क जब मिल जाए तो
जिन्दगी की हर खुशी मिलते हैं।
दिल तो दिल है इसका क्या कसूर
दिल में चाहने वाले क्यों रहते हैं।
या रब तूही बता दे
मोहब्बत कर के लोग सजा क्यों भोगते हैं।
जिन्दगी में जब भी परेशानियों का दौर आता है
तब आंखों से आंसू बरस पड़ते हैं।
शिकवा और शिकायत किससे करे हम
गम में ही सुबह शाम गुजरते हैं।
बद्री प्रसाद वर्मा अनजान
अध्यक्ष स्वगीॅय मीनु रेडियो श्रोता क्लब
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