बुलंद हौंसले

मिट्टी की गुल्लक में

चांदी के सिक्के महफूज़ रहते हैं !

नंगे पाँव चल कर

मीलों का फासला तय करते हैं !

होंसले बुलंद हो तो

तूफ़ान का रुख मोड़ देते हैं !

जीवन जीने की लालसा में

अंतिम साँसे भी जीवान पा लेती है !

जीतने की चाह हार को भी

धूल चटा देती है !

सूरमा प्रतीक्षा नहीं करते अछा वक्त आने का

रन बाँकुरे भुजाओं के बल से

इतिहास बदल देते हैं !

देश की सौगंध खाने वाले

शान से हँसते हँसते  जवानी लुटी देते हैं !

 बेला विरदी 

1381, सेक्टर 18,अर्बन एस्टेट,

 जगाधरी-हरियाणा