नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने ने कहा कि चुनावी राज्यों में 15 जनवरी तक कोई भी चुनावी रैली, रोडशो, पदयात्रा या साइकिल यात्रा नहीं होगी। 8 बजे रात से सुबह 8 बजे तक कोई चुनाव रैली नहीं होगी। सार्वजनिक स्थानों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगाी। मतगणना के बाद कोई भी विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी। कोरोना नियमों का पूरी तरह कड़ाई से पालन कराया जाएगा। इसके लिए निर्वाचन अधिकारियों को कार्रवाई के अधिकार होंगे। 15 जनवरी के बाद चुनाव आयोग कोरोना के हालातों की समीक्षा करेगा।
चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगना भी जरूरी है। उन्हें प्रिकॉशन यानी बूस्टर डोज लगाने की सिफारिश भी की गई है, ताकि वे सुरक्षित रहें। चुनाव आयोग राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ वैक्सीनेशन स्टेटस की निगरानी करेगा। मतदान का समय भी एक घंटे बढ़ाया गया है। चुनाव अधिसूचना के दौरान इस समय-सीमा के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। चुनाव में उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन की सुविधा होगी। इससे निर्वाचन कार्यालय में भीड़ से बचा जा सकेगा। 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था करने की भी बात कही गई है।
पोलिंग बूथ पर भीड़ से बचाने के लिए 1500 की जगह 1250 वोटर होंगे। इसके लिए 16 फीसदी पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार 28 लाख रुपये चुनाव खर्च कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि दागी उम्मीदवारों को अखबारों में अपने आपराधिक मामलों की जानकारी तीन बार प्रकाशित करानी होगी। पार्टियों को भी इसकी जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालनी होगी।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि चुनाव प्रचार के नियमों का उल्लंघन करने या कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर निर्वाचन अधिकारी किसी प्रत्याशी को आगे प्रचार से रोक सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि गोवा में 95 फीसदी लोगों को में वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। उत्तराखंड में 99.6 प्रतिशत लोगों को फर्स्ट, और 83 फीसदी को दोनों डोज लग चुकी हैं। यूपी में 90 फीसदी को फर्स्ट डोज और 52 फीसदी को दोनों खुराक लग चुकी हैं। पंजाब में 82 फीसदी को एक डोज और 46 फीसदी को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं। मणिपुर में 57 फीसदी को फर्स्ट डोज और 43 फीसदी को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं।