ग़ज़ल —–

मुझको     लेकर    सोचेंगे 

पर    गूँगे    क्या    बोलेंगे

काग़ज़     कोरा     छोड़ेंगे 

वो जब  मुझको  लिक्खेंगे

मैं  अब  उनकी आदत  हूँ

वो   मुझको  क्या   छोड़ेंगे

जिनसे   मेरा   झगड़ा    है

मेरे      अपने      निकलेंगे 

जितना   सुलझाओगे  तुम

रिश्ते      उतना     उलझेंगे 

                     विज्ञान व्रत

मोब .   09810224571

एन – 138 , सैक्टर – 25 , 

नोएडा – 201301