धार जिल के किसान ने ट्राली में भरी लहसुन सड़क पर फेंकी
भोपाल । लहसुन के उचित दाम नहीं मिलने को लेकर प्रदेश के धार जिले के किसान लहसुन की उपज को सडक पर फेंकने को मजबूर है। किसान अच्छे भाव की उम्मीद में लहसुन मंडी लेकर जा रहे हैं कि लेकिन लागत भी नहीं निकल पा रही है। ऐसे में निराश हताश किसान अपनी फसल सडक पर पफेंककर विरोध जता रहा है। बीते रोज धार जिले के दसाई गांव के एक किसान ने कम भाव मिलने पर ट्रैक्टर-ट्राली में भरी लहसुन गंगाजलिया रोड पर फेंक दी। किसान का कहना है कि लहसुन के उचित भाव नहीं मिलने के कारण वह बेचना नहीं चाहता, इसलिए लहसुन फेंक रहा है। इस दौरान किसान ने सरकार को भी जमकर कोसा। किसान अशोक पाटीदार और सुनील पाटीदार ने बताया कि धार सहित इंदौर मंडी में भी भाव नहीं मिल रहा है। लहसुन का चार सौ से पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल भाव मिल रहा है। ऐसे में लहसुन की लागत भी नहीं निकल पा रही है। ऐसी स्थिति में फसल फेंकना ही उचित है।किसान सुनील पाटीदार ने बताया कि मैं इंदौर मंडी में लहसुन लेकर गया था, मगर भाव नहीं मिलने के कारण वापस लेकर आ गया। किसान ने 300 बीघा में लहसुन उगाई थी। एक बीघे की लहसुन बेच दी थी और दो बीघा की फसल बचा ली थी। तीन बीघा में 60 हजार रुपये का खर्चा हो गया था। उसे बेचने गया तो 60 हजार भी नहीं मिल रहे थे। इसलिए गुस्से में मैंने अपनी उपज फेंक दी। एक तरफ सरकार खेती को लाभ धंधा बनाने का दावा करते नहीं थक रही है तो दूसरी तरफ किसानों की इस समस्या का समाधान किसी के पास नजर नहीं आ रहा है। बीते साल टमाटर के दाम नहीं मिलने पर किसानों ने टमाटर सडक पर फेंके और पशुओं को खिलाए। इस साल लहसून की लागत नहीं मिलने पर किसानों को खून के आंसू रुला दिया। अब सवाल यह उठ रहा है कि प्रदेश के किसानों के लिए खेती ऐसे ही लाभ का धंधा साबित होगी।