मेरे कमरे की चारदीवारी मुझे बड़ी प्यारी है
मेरे दोस्त की तरह साथ निभाती है,
आवाज मेरे लबों में ही गम हो जाए या
कानों के परदे झनझना जाए,
बड़ी सहजता से अपने में समा लेती है !
मेरे बेबसी बेचैनी की साक्षी बनती है,
मेरी सफलताओं पर शांत रहती है,
अकेलापन घिर जाता है तब तू मौन भाषा में,
मैं हूँ ना तेरे साथ का एहसास दिलाती है !
मेरी प्यारी चारदीवारी को कान नहीं लगे अन्दर से,
बाहर लगे हो तो किसे परवाह है,
जिन साँसों के लिए तू सदा जीवंत है,
मेरे कमरे की चारदीवारी तू मुझे बड़ी प्यारी है !
बेला विरदी
1381, सेक्टर 18,अर्बन एस्टेट,
जगाधरी-हरियाणा