शो ‘ज़िद्दी दिल- माने ना’ में एक खास मोड़ आया है, क्योंकि धनु, जो कि एक आतंकी संगठन का हिस्सा है, करण को मारने और पराक्रम एसएएफ को नुकसान पहुँचाने आई है।
धनु एक इवेंट मैनेजर पुष्पा बनकर आई है, जो रिपब्लिक डे इवेंट में एकेडमी की मदद करने का वादा करती है। हालांकि उसकी अपनी योजना है और उसने माइक में बम लगा दिया है।
भाषण देते समय करण को लगता है कि माइक के भीतर बम है। वह शांति से खड़ा रहता है और कैडेट्स को उनके कमरों में जाने के लिये कहता है। इस बीच फैज़ी और करण उस व्यक्ति की तलाश में लग जाते हैं, जिसने बम लगाया है। धनु करण पर गोली चलाने वाली होती है और फैज़ी उसे पकड़ लेता है, जिसके बाद वह उस पर हमला करती है और वह बेहोश हो जाता है। लेकिन बेहोश होने से ठीक पहले वह रेडियो-ट्रांसमीटर में करण का नाम जोर से पुकारता है। फैज़ी की आवाज सुनकर करण का दिल बैठ जाता है और वह चिंतित हो जाता है।