ख्वाब मेरी आँख का
आँसू बन बह जाए
आप कब आओगे पापा
आपकी याद में, पूरा दिन बीत जाए |
दिन – रात और रात-दिन
आपके याद में खोई रही
फिर भी आप न आए ।
बैठी दरवाजे पे राह निहारती
आपको न देख आँखें भर आती।
मम्मी कहती आप तारे बन गए
फिर भी जोर से चिल्लाने पे भी
मेरी आवाज़ ,क्यों न सून पाते
आवाज़ लगाती मैं न थकी
फिर भी एक इशारा न कर पाते ।
हीरे की क्या कीमत
आप ही मेरे नेत्र हो
कैसे मै आप को समझाउ
मेरी खुशियों के साथी आप बन जाउ ।
काश! आप मुझे सुन पाते
मेरे पास वापस लौट आते ।।
दिव्या सिंह