अतीत की यादों को तरोताजा करता हुआ दिखा अद्भुत नजारा
अहमदाबाद | पश्चिम रेलवे के अहमदाबाद मंडल पर अहमदाबाद स्टेशन, साबरमती स्टेशन तथा डीआरएम ऑफिस में संरक्षित रखे गए हेरिटेज स्टीम लोकोमोटिव इंजन जो कभी भारतीय रेलवे की पटरी पर शासन करते थे। इन इंजनों का नवीनीकरण किया गया है, जिसमें आकर्षक कलर,वास्तविक संचालन की हूबहू स्मॉक एवं साउंड सिस्टम तथा मरम्मत कर स्थापित किया गया है। अहमदाबाद स्टेशन पर प्रदर्शित नैरोगेज हेरिटेज स्टीम लोको इंजन 587 W जिसे “अतीत गौरव” के नाम से जाना जाता है, जो इंग्लैंड में W. G. बंगाल लिमिटेड कास्टल इंजीनियरिंग वर्क्स द्वारा 1937 में बनाया गया था। साबरमती स्टेशन पर प्रदर्शित मीटर गेज हेरिटेज स्टीम लोको 3430 YG है, जिसे “शांतिदूत” के नाम से जाना जाता है। जो 1963 में टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी द्वारा निर्मित स्टैंडर्ड फ्रेट लोको है। जो 40 मील प्रति घंटे तक की रफ्तार से दौडा करता था। डीआरएम ऑफिस में प्रदर्शित नैरोगेज हेरिटेज स्टीम लोको 548 ZD है जिसे “प्रगति” के नाम से जाना जाता है। जिसका निर्माण निप्पॉन शरयो सेजों कैशल कॉ. लिमिटेड जापान द्वारा 1957 में बनाया गया था। 73 वे गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2022) की पूर्व संध्या पर मंडल रेल प्रबंधक तरुण जैन की डिजायर एवं इनविजन के अनुसार वरिष्ठ मंडल मैकेनिकल इंजीनियर, अभिषेक कुमार सिंह के मार्गदर्शन में मेकेनिकल विभाग, मंडल दुर्घटना राहत ट्रेन कांकरिया के कर्मचारियों द्वारा इन संरक्षित हेरिटेज स्टीम इंजीनों का नवीनीकरण किया गया है।
नवीनीकरण गतिविधियों में शामिल है
• भारी मात्रा में जंग लगी चादरों की मरम्मत करना एवं सुंदर रंग योजन के साथ आकर्षक पेंट करना।
• स्टीम इंजनों की सीटी और ऑरिजनल कार्य पैटर्न की तर्ज पर स्टीम इंजन वर्किंग साउंड सिस्टम की स्थापना।
• घने वाष्प/धुआँ के समान दिखने वाले स्मोक को उत्सर्जित करने के लिए ग्लिसरीन आधारित डिवाइस की स्थापना।
• साउंड और स्मोक सिस्टम को टाइम वेस्ड ऑटोरन सिस्टम के साथ एकीकृत करना।
• अहमदाबाद और साबरमती स्टेशन पर प्रातः 09:00 से 11:00 बजे तथा शाम को 18:00 से 23:00 बजे तक प्रति/घंटे 2 मिनट के लिए स्मोक और साउंड सिस्टम को प्रोग्रामिंग किया गया है।
• इसी प्रकार डीआरएम ऑफिस में प्रातः 9:00,10:00, दोपहर 12:30, 13:00, 13:30 शाम 17:00 और 18:00 बजे प्रति/घंटे 2 मिनट के लिए स्मोक और साउंड सिस्टम को प्रोग्रामिंग किया गया है।
विजिटर्स और यात्री अब स्टीम इंजनों के आकर्षण, साइट्स एवं साउंड का आनंद ले सकेंगे, जो कभी भारत में एक सदी से भी अधिक समय तक राज करते रहे थे।