आशा है तुम साथ चलोगे , राह में मनमीत ।
तुमसे जीवन का सुख संभव , गूँजता संगीत ।।
तुझको मैने अपना माना, दिल में रहो साथ ।
तुम ही तो बने जिंदगी हो , तुम ही सदा नाथ ।।
साँसों की गहराई से तो, तुझे जाना प्रीत ।
आशा है तुम साथ चलोगे , राह में मनमीत ।।1!!
तुम पर ही तन-मन वारी मैं, सदा रहूँ बलिहार ।
संबंधों के इन धागों पर, ढूँढ रही मैं सार ।।
तुम ही मेरे जीवन पथ के, प्रेमिल बने जीत ।
आशा है तुम साथ चलोगे, राह में मनमीत ।।2!!
कभी नहीं अब तुम छोड़ोगे, है मुझे विश्वास ।
संग सदा हर पल रहते हो, प्रिय बने आभास ।।
धड़कन के इस छंद ताल पर, करती तुम्हें प्रतीत ।
आशा है तुम साथ चलोगे, राह में मनमीत ।।3!!
—योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’
—मंडला म.प्र.