सड़क 

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यह सड़क भी

जीवन की

भाँति ही तो होती है

जिसमें मोड़

अनगिनत होते हैं

कहीं चौड़ी तो

कहीं सकड़ी होती है 

कभी दूर तक

सन्नाटा फैला होता है

कभी बेशुमार 

भीड़ होती है

बारिश से

भीग भी जाती है

गर्मी में तपती भी है 

कभी कोई 

हाथ पकड़ कर

संग चलते हैं

कभी कोई

अकेला रह जाता है

कुछ लोग मझधार में

छोड़ भी जाते हैं

कभी एक्सीडेंट

हो जाता है

कभी गलत राह

ले जाती है

तो कभी मंजिल पर

पहुँचा देती है 

यह सड़क भी

जीवन की

भाँति होती है !!

● योगिता जोशी ‘अनुप्रिया’

झोटवाड़ा, जयपुर