केंद्रीय कर्मचारी व बैंककर्मियों की हड़ताल प्रारंभ

हड़ताल मंगलवार को भी रहेगी जारी, सांकेतिक होगी हडताल
भोपाल । प्रदेश भर में आज अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय कर्मचारी और बैंककर्मियों एवं श्रमिकों की हड़ताल प्रारंभ हो गई है। यूनियन के पदाधिकारियों का दावा है कि यह हडताल सांकेतिक होगी। इसमें पूरी तरह से काम बंद नहीं किया जाएगा। भोपाल व आसपास के श्रमिक, केंद्रीय कर्मचारी व बैंककर्मी आज दोपहर में राजधानी के नीलम पार्क में जुटेंगे। इसी तरह प्रदेश भर में हड़ताल शुरू हो गई है। ये श्रमिक, बैंककर्मी व केंद्रीय कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के कारण शाम तक असर पड़ सकता है। राष्ट्रीय आव्हान पर मप्र में हड़ताल बुलाने वाले ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चा के पूषण भट्टाचार्य और वीके शर्मा का दावा है कि हड़ताल से शाम तक कामकाज पर असर पड़ना तय है। ये केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने से नाराज हैं। इनके दावे के अनुरूप नौ बजे तक हड़ताल का कोई विशेष असर नहीं दिखा था। यह हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी। अलग—अलग ठिकानों पर हड़ताल जुटेंगे और विरोध दर्ज कराएंगे। यह एक तरह से सांकेतिक होगी, पूरी तरह काम बंद हड़ताल नहीं होगी। ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चा के कर्मचारी, श्रमिक और बैंककर्मचारी नेताओं का दावा है कि सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। इसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ी है। देश को भी कई तरह से नुकसान हो रहा है। ऐसे में आने वाले समय में निजी कंपनियों का राज हो जाएगा, जो जनता के हित में नहीं होगा। श्रम नीतियों को लगातार कमजोर बनाया जा रहा है। मौजूदा नीतियों का पालन भी नही किया जा रहा है। असंगठित क्षेत्रों के कामगारों को तय से कम मजदूरी व वेतन दिया जा रहा है। इसकी वजह से आर्थिक खाई बढ़ी है इसका सीधा असर सामाजिक जीवन शैली पर पड़ रहा है। कम आवक के अभाव में रहन—सहन पर असर पड़ा है। केंद्रीय विभागा, संस्थानों व उपक्रमों में खाली हो रहे पदों को नहीं भरा जा रहा है। इसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ी है। नौजवानों के हाथों को काम नहीं मिल रहा है। आम जनता से जुड़े काम भी कम समय में नहीं हो पा रहे हैं या होते ही नही है। परेशान होना पड़ता है। बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है जो देशहित में नहीं है। ट्रेड यूनियनों का समूह पूर्व में भी समय—समय पर हड़ताल करता रहा है। कभी भी हड़ताल की वजह से बड़े स्तर पर कोई कामकाज प्रभावित नहीं हुआ था। हालांकि बैंक कर्मचारी व अधिकारियों की यूनियनों द्वारा मिलकर की जाने वाली हड़ताल की वजह से बैंककर्मियों को परेशानी जरूर हो चुकी है।