पिंगाक्ष अंजनी सूत कपिश्वराय रामकथालोलाय ,
विभीषणप्रियाय रामदुताय केसरी सुताय हनुमंत।
लक्ष्मण प्राणदाता सेतुकृत जितामित्र जनार्दन,
उदधिक्रमण अमितविक्रम पवन पुत्र हनुमंत।
लंकापुरिविदाहक महाबलपराक्रमी महाकायाय,
रक्षाविध्वंसकारी सर्वमायाविभंजन हनुमंत ।
वेदांत वेदांतपार त्रिगुण त्रिमूर्ति निर्गुण निराकार ,
पंचवक्रताय तत्वज्ञानप्रदाता पराकाश हनुमंत।
लोकपुजाय महातेजस प्रज्ञान महात्मने वागिम्ने ,
भविष्य चतुरानन सर्वदू:खहराय चंचलद्वाल हनुमंत।
~ बिजल जगड
मुंबई घाटकोपर
9824867788