कोयला मंत्रालय का लक्ष्य थर्मल कोयले के आयात को कम करना: कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी

नई दिल्ली । दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) अपनी 20 बंद पड़ी भूमिगत कोयला खदानों को फिर से शुरू करने और राजस्व शेयरिंग मॉडल पर उत्पादन का काम करने की पेशकश निजी क्षेत्र को करेगी। इस पेशकश के बारे में निजी क्षेत्र को बताने के लिए आज मुंबई में निवेशकों की एक बैठक का आयोजन किया गया। केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि कोयला मंत्रालय का लक्ष्य थर्मल कोयले के आयात को कम करना और देश को इस क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाना है। श्री जोशी ने सत्र में मौजूद निवेशकों को अवसर दिखाते हुए कहा कि, ‘अभी कुछ समय पहले लोग कहा करते थे कि कोयले की आवश्यकता कम होने वाली है, लेकिन वर्तमान में हम कोयले की आवश्यकताओं में वृद्धि देख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘बंद पड़े कोयला खदानों में निकालने योग्य भंडार लगभग 380 मिलियन टन है, जिनमें से 30-40 मिलियन टन कोयला आसानी से निकाला जा सकता है।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘खनन गतिविधियों को जारी रखने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हुए टीपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति देख रहा है। उन्होंने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में विद्युतीकरण के लिए सरकार की कोशिशें, परिवहन में ईंधन के विकल्प बदलने, और आधुनिक जीवन शैली के कारण देश में बिजली की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि, ‘जहां हम ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को विकसित करने पर जोर दे रहे हैं, वहीं कोयला भी ऊर्जा उत्पादन में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक होने जा रहा है। जोशी ने कहा कि कोयला मंत्रालय उन सभी सुझावों का स्वागत करती है जो सरकार के साथ-साथ उद्योग के लिए भी जीत के अवसर सामने लाने का भरोसा जगाएंगे। केंद्रीय कोयला, खनन और रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारत के पास दुनिया में कोयले का पांचवां सबसे बड़ा भंडार है। उन्होंने कहा कि, ‘सरकार का लक्ष्य घरेलू कोयला उत्पादन को वित्त वर्ष 23-24 तक 1.2 अरब मीट्रिक टन तक बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि, ‘ईंधन के रूप में, ऊर्जा मिश्रण में कोयले का सबसे बड़ा योगदान है’। उन्होंने आगे कहा कि ‘यह पहल नवीनतम खनन प्रौद्योगिकी, मजबूत प्रणालियों और प्रक्रियाओं की तैनाती का मार्ग प्रशस्त करेगी’।