बालक राम की शोभा

शोभत राम अँगन बिच कैसे , 

शोभत चन्द्र गगन बिच जैसे l 

श्याम बदन प्रभु शोभत कैसे , 

हरित जमुन जल शोभत जैसे l 

शोभत चन्द्र…………….. 

घुँघराले लट काले शोभत कैसे , 

शोभत गुच्छ भँवर के जैसे l 

शोभत चन्द्र……………..

पीत वस्त्र प्रभु शोभत कैसे , 

दामिनि दमकत दम दम जैसे l 

शोभत चन्द्र…………….. 

मणि की माल गले शोभत कैसे , 

शिव के गले में उरग शोभे जैसे l 

शोभत चन्द्र…………….. 

कर्ण कुंडल प्रभु शोभत कैसे , 

कुसुम कली डारन्ह पर जैसे l 

शोभत चन्द्र…………….. 

मैया सब देखि मगन भई कैसे , 

गायन्ह देखि बछन्ह को जैसे l 

शोभत चन्द्र…………….. 

उरग = साँप

      ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

   आरा, भोजपुर, बिहार

   मो.नं.8210058213