नई दिल्ली । कोरोना के घातक वायरस का संक्रमण देश में फिर बढ़ रहा है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अधिकारी ने कहा कि यह सिद्धांत कि यदि कोई कोविड से संक्रमित लोगों की प्रतिरक्षा बढ़ती है और वह भविष्य में संक्रमण से लड़ सकते हैं यह पूरी तरह से सच नहीं हो सकता। डब्ल्यूएचओ के अधिकारी डेविड नाबरो ने कहा कि बार बार संक्रमण होने से इम्युनिटी कमजोर होने से लंबे समय तक संक्रमित बने रहने का खतरा बना रहता है। नाबरो ने कहा कि बार बार कोविड का संक्रमण होने से शरीर में प्रतिरक्षा नहीं बन पाती क्योंकि वायरस हमेशा ही अपना स्वरूप बदलता रहता है और इससे आप अधिक लंबे समय तक कोविड से संक्रमित रह सकते है।
उन्होंने कहा कि जितनी अधिक बार आप कोविड की चपेट में आएंगे उतनी अधिक संभावना है कि आप बदकिस्मत होंगे और संक्रमण पहले से अधिक दिनों तक आपको बीमार रख सकता है। ऐसी परिस्थिति का सामना हममें से कोई भी नहीं करना चाहता, क्योंकि यह बेहद गंभीर हो सकता है। यह आपके जीवन की रफ्तार को कई महीनों तक रोक सकता है। लॉन्ग कोविड को बीमारी की शुरुआत के चार सप्ताह या उससे अधिक समय के बाद सामने आने वाले लक्षणों के रूप में परिभाषित किया गया है। थकान आना, सांस की तकलीफ, एकाग्रता में कमी, जोड़ों में दर्द होना जैसे कई लक्षण लंबे समय तक कोविड के असर को दिखाते हैं। ये सभी लक्षण आपके दैनिक गतिविधियों पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।
नाबरो ने इससे पहले कहा था कि कोरोना का संक्रमण अब ज्यादातर लोगों के लिए जानलेवा के बजाय एक असुविधा बन गया है। नाबरो ने ऐसे लोगों के लिए चिंता व्यक्त की है जो बुजुर्ग हैं और अस्वस्थ्य हैं या फिर किसी बड़ी बीमारी से पीड़ित हैं क्योंकि कोरोना का संक्रमण ऐसे लोगों को अधिक परेशान कर सकता है। उन्होंने कहा कि मैं पूरी दुनिया के लिए चिंतित हूं क्योंकि मैं वास्तव में मानता हूं कि इस महामारी के दौर में बहुत कुछ सीखा गया है और अभी भी वायरस विकसित हो रहा है। मैं उन व्यक्तियों के लिए चिंतित हूं जो बुजुर्ग हैं या फिर अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। अभी खतरा टला नहीं हैं। मैं उन लोगों के लिए चिंतित हूं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है।