तय है, कल परिवर्तन होगा”

आज की चिंता मतकर बन्दे,

तय है, कल परिवर्तन होगा।

जो बिखरी लकीरें हैं, हाथ में,

उसमें फिर संयोजन होगा।

कांटें हैं, जो राह में तेरे,

वो सब सहसा हट जाएंगे,

तम छाया है जिस बदली से,

अकस्मात सब फट जाएंगे।

साये,जो तुमसे दूर हुए थे,

वे तुमको दिशा बताएंगे,

जी में जो भय रहता था,

सब तुमसे घबराएंगे।

खोजते हुए मंजिल आएगा,

खुद ही तेरे द्वार में।

कमजोरी आने मत देना,

तू बस अपने विचार में।

तारों को गिन न पाओगे,

मुट्ठी में पूरा गगन होगा।

आज की चिंता मत कर बन्दे,

तय है, कल परिवर्तन होगा।

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जीवन चन्द्राकर”लाल”

    गोरकापार, बालोद(छत्तीसगढ़)